मुस्लिम जगत के लिए बड़ी खबर, हागिया सोफिया मस्जिद में तब्दील, 86 साल बाद होगी नमाज़
अंकारा | 24 जुलाई को 86 साल बाद हागिया सोफिया में नमाज़ अदा की जाएगी , तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने कहा कि इस्तांबुल के प्रसिद्ध हागिया सोफिया में 24 जुलाई से नमाज़ अदा की जाएगी । शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में सोफिया का संग्रहालय का दर्जा रद्द कर दिया। इसके बाद एर्दोगन ने राष्ट्र के नाम एक संबोधन में कहा हम 24 जुलाई को शुक्रवार की प्रार्थना एक साथ हगिया सोफिया में अदा करने के लिए फिर से तैयार करेंगे।” “हमारी सभी मस्जिदों की तरह, हागिया सोफिया के दरवाजे स्थानीय और विदेशी, मुस्लिम और गैर-मुस्लिमों के लिए खुले होंगे।” तुर्की की सर्वोच्च प्रशासनिक अदालत की परिषद ने शुक्रवार को सर्वसम्मति से 1934 के कैबिनेट के फैसले को रद्द करते हुए इसे संग्रहालय की मान्यता समाप्त कर मस्जिद में बदल दिया ।
यह है इतिहास-
इस इतिहासिक भवन का निर्माण पहली बार छठी शताब्दी में एक ईसाई चर्च के रूप में बीजान्टिन साम्राज्य के तहत कांस्टेंटिनोपल के केंद्रपीठ के रूप में किया गया था। 1453 ईस्वी में उस्मानी हुक्मरां मुहम्मद द्वितीय ने क़ुस्तुन्तुनिया फ़ातेह किया. फ़तह-ए-कुस्तुन्तुनिया के बाद बिंजाटिनी हुक्मरां ने हागिया सोफिया को मुहम्मद फ़ातेह को बेच दिया. 1453 में मुहम्मद फ़ातेह ने हागिया सोफिया को मस्जिद-ए-अया सोफ़िया में तब्दील कर दिया.1921 में ख़िलाफ़त-ए-उस्मानिया का अंत हो गया.1923 में रिपब्लिक ऑफ टर्की की स्थापना हुई ,1924 में ख़िलाफ़त-ए-उस्मानिया पर प्रतिबंध लगा दिया गया. 1930 के दशक में तुर्की के मुस्तफा अतातुर्क के शासन के दौरान इसे एक संग्रहालय में बदल दिया गया था।
राष्ट्रपति एर्दोगन ने राष्ट्र को दिए गए एक संबोधन में कहा कि हागिया सोफिया गैर-मुस्लिम के लिए खुली होगी। “हगिया सोफिया, मानवता की सामान्य विरासत, अपनी नई स्थिति के साथ सभी को अधिक ईमानदारी और अधिक स्वतंत्र भावना से गले लगाएगी तुर्की नेता ने सभी से तुर्की के कोर्ट के फैसले का “सम्मान” करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, किसी भी तरह की आलोचना “हमारी स्वतंत्रता का उल्लंघन” माना जाएगा।
सेंटोप ने कहा कि हागिया सोफिया का मस्जिद में बदलना उनकी पीढ़ी के लिए “एक सपना और लक्ष्य” था। हजारों लोगों ने अदालत के फैसले का इंतजार किया ” जब खबर अाई के इसे मस्जिद में बदला जाएगा तो एक बड़ी भीड़ ने हागिया सोफिया के बाहर प्रार्थना की। अंकारा की राजधानी में, विधायकों ने खड़े होकर सराहना की जब निर्णय संसद में पढ़ा गया ।
इन देशों ने की आलोचना-
अमेरिका ,ग्रीस और रूढ़िवादी ईसाई नेताओं ने फैसला को सभ्य दुनिया के लिए एक “खुला उकसावे” बताया । रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्च ने प्रतिष्ठित हागिया सोफिया के संग्रहालय की स्थिति को रद्द करने के निर्णय पर निराशा व्यक्त की।