सुरक्षा में चूक मामला: ‘सील करें सभी रिकॉर्ड’, पंजाब में पीऐम की सुरक्षा में चूक मामले में सुप्रीम कोर्ट का जांच एजेंसियों को निर्देश
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और पंजाब सरकार के पैनलों को सोमवार तक कार्यवाही ना करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई अब 10 जनवरी, सोमवार को होगी। सीजेआई ने कहा कि हमें चूक, लापरवाही के कारणों की जांच करने की जरूरत है। पंजाब में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले के साथ हुई सुरक्षा चूक मामले में देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमना (सीजेआई एन वी रमना) ने यात्रा रिकॉर्ड और जांच एजेंसियों को मिले तथ्यों को सुरक्षित रखने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा कोर्ट ने पंजाब पुलिस अधिकारियों, एसपीजी और अन्य एजेंसियों को सहयोग करने और पूरे रिकॉर्ड को सील करने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा है।
PM Modi’s Security Lapse | Supreme Court directs the Registrar General of Punjab and Haryana High Court to secure and preserve the travel records of Prime Minister Narendra Modi during his visit to Punjab forthwith. pic.twitter.com/bKPn1U3c5l
— ANI (@ANI) January 7, 2022
पंजाब में पीएम मोदी की सुरक्षा में हुई चूक मामले को लेकर दाखिल याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को प्रधानमंत्री की पंजाब यात्रा के सभी रिकॉर्ड सुरक्षित रखने के आदेश दिए। अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार, पुलिस अधिकारियों, एसपीजी और केंद्र सहित राज्य की अन्य एजेंसियों को पीएम की यात्रा के रिकॉर्ड सील करने में सहयोग देने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने का भी निर्देश दिया।
इससे पहले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि इस घटना की वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश को शर्मिंदगी उठानी पड़ी है। वहीं, पंजाब सरकार के एडवोकेट जनरल वरिष्ठ वकील डीएस पटवालिया ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार इस मुद्दे को काफी गंभीरता से ले रही है। डीएस पटवालिया ने कहा कि पंजाब सरकार ने घटना वाले दिन ही इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया था। वहीं, इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने सुनवाई के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक होना, ना केवल कानून-व्यवस्था की बड़ी असफलता है, बल्कि ये मामला विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) एक्ट के तहत भी आता है।
अपनी दलील में मनिंदर सिंह ने कहा, ‘एसपीजी के किसी भी सदस्य की सहायता के लिए काम करना केंद्र और राज्य का कर्तव्य है। प्रधानमंत्री की सुरक्षा का मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है और संसदीय दायरे में आता है, इसलिए इस घटना के लिए गंभीर तौर पर जांच की जरूरत है।’ आपको बता दें कि गुरुवार को एनजीओ लॉयर्स वॉयस की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल करते हुए मांग की गई थी, कि पीएम की सुरक्षा चूक के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो और भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोकने के लिए पंजाब सरकार को उचित निर्देश दिए जाएं। मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से याचिका की एक-एक कॉपी केंद्र और पंजाब सरकार को उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए शुक्रवार यानी आज सुनवाई करने का फैसला लिया। ‘सीएम को धन्यवाद कहना, मैं जिंदा वापस लौट रहा हूं’
गौरतलब है कि बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंजाब के फिरोजपुर में एक रैली को संबोधित करने जा रहे थे। रैली के लिए जाते वक्त एक फ्लाईओवर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला उस वक्त फंस गया, जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने रास्ते को ब्लॉक कर दिया। पीएम मोदी का काफिला इस फ्लाईओवर पर करीब 15 से 20 मिनट तक फंसा रहा और इसके बाद प्रधानमंत्री वापस लौट गए। लौटते वक्त पीएम मोदी ने बठिंडा एयरपोर्ट पर पंजाब सरकार के अधिकारियों से कहा कि अपने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दीजिएगा कि मैं जिंदा वापस लौट रहा हूं।