मध्य प्रदेश में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ ने तोड़ा रिकॉर्ड, जनसैलाब देख BJP के उड़े होश !
भोपाल | मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव करीब एक साल बाद है। चुनाव से पहले कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के राज्य में आने से सियासी पारा चढ़ गया है। राहुल गांधी के नेतृत्व में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ इन दिनों मध्य प्रदेश के मालवा-निमाड़ अंचल में है। पदयात्रा को मिल रहे भारी समर्थन की वजह से बीजेपी के खेमे में खलबली मच गई है।
‘भारत जोड़ो यात्रा’ में बड़ी संख्या में लोग जुड़ रहे हैं। राहुल गांधी को देखने के लिए भी भीड़ उमड़ रही है, इससे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ उत्साहित हैं। उनका कहना है कि भारत जोड़ो यात्रा का मध्य प्रदेश में जनता ने जिस तरह से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का उत्साह से स्वागत किया, उससे स्पष्ट है कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ मध्य प्रदेश में नया इतिहास रचेगी। मध्य प्रदेश में एंट्री के साथ ही राहुल गांधी ने कांग्रेस की तत्कालीन सरकार गिरने के मुद्दे को उठाते हुए सीधे तौर पर बीजेपी पर निशाना साधा और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम लिए बगैर ही कह दिया कि, मध्य प्रदेश में चुनाव जीतकर हमारी सरकार बनी थी, मगर करोड़ों रुपए देकर 20-25 भ्रष्ट विधायकों को खरीद लिया और सरकार बना ली।
‘भारत जोड़ो यात्रा’ को जनता का भारी समर्थन और राहुल गांधी के हमले के बाद बीजेपी के खेमे में बेचैनी और बढ़ गई है। पदयात्रा को मिल रहे भारी समर्थन के बीच बीजेपी भी राज्य में सक्रिय हो गई है। बीजेपी निमाड़-मालवा अंचल समेत आदिवासी इलाकों में जनजातीय गौरव यात्राएं निकाल रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा जनजातीय इलाकों में जा रहे हैं और उन्हें सरकार द्वारा जनजाति वर्ग के लिए किए जा रहे काम के साथ पेसा कानून से होने वाले लाभ का भी ब्यौरा दे रहे हैं। राज्य में वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे दोनों ही राजनीतिक दलों के सामने हैं। दोनों ही राजनीतिक दलों को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था और उनमें अंतर महज पांच सीटों का ही था। 230 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस को जहां 114 सीटें मिली थी, बहुमत से दो सीटें कम, तो वहीं बीजेपी 109 पर आकर ठहर गई थी। बाद में राज्य में सरकार बनाया, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया की मदद से जनता की चुनी हुई सरकार को बीजेपी ने गिरा दिया। फिलहाल राज्य में बीजेपी की सरकार है। अगले साल होने वाले चुनावों के मद्देनजर दोनों ही दल नई रणनीति पर काम कर रहे हैं।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को मिल रहे भारी समर्थन का असर आगामी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में असर दिख सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राज्य में वर्ष 2023 का विधानसभा चुनाव निर्णायक रहने वाला है, इसे कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी स्वीकार कर चुके हैं। इस चुनाव की हार और जीत कांग्रेस के भविष्य का रास्ता भी तय करेगी, इससे कोई भी इंकार नहीं कर सकता।