दिल्ली चुनाव से पहले ‘आप’ को झटका, MLA अब्दुल रहमान कांग्रेस में शामिल
नई दिल्ली | दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। सीलमपुर से विधायक अब्दुल रहमान ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने मुस्लिमों को लेकर आरोप लगाया है कि पार्टी ने सत्ता की राजनीति में उलझकर मुसलमानों के अधिकारों को नजरअंदाज किया, अरविंद केजरीवाल ने हमेशा जनता के मुद्दों से भागकर अपनी राजनीति की। इंसाफ और हक की लड़ाई लड़ता रहूंगा। इस्तीफा देने के कुछ घंटों बाद ही अब्दुल रहमान कांग्रेस में शामिल हो गए।
कांग्रेस का हाथ थामने के बाद अब्दुल रहमान ने कहा कि जब आप बनी थी तो उसमें कई चीजें थीं, जैसे समानता और सभी धर्मों को साथ लेकर चलना। लेकिन, पार्टी ऐसा नहीं कर रही है। जब ताहिर हुसैन की बात आई तो पार्टी ने उसे 6 साल के लिए निलंबित कर दिया लेकिन, जब नरेश बाल्यान की बात आई, जिसे गैंगस्टरों से संबंध रखने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया, तो पार्टी प्रमुख ने कुछ नहीं कहा। जब संभल में पांच युवकों की हत्या हुई, तो पार्टी प्रमुख ने कुछ नहीं कहा। इसलिए मैंने इस्तीफा दे दिया और कांग्रेस में शामिल हो गया। पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी, मैं उसे पूरे दिल से निभाऊंगा।
अब्दुल रहमान ने अपने इस्तीफे में लिखा है, यह फैसला मेरे लिए आसान नहीं था, लेकिन पार्टी के नेतृत्व और नीतियों में जिस तरह से मुसलमानों और अन्य वंचित समुदायों की उपेक्षा की गई है। उसके बाद यह मेरा नैतिक कर्तव्य बन गया है। पार्टी की स्थापना के समय मैंने इसे एक ऐसी पार्टी माना था, जो धर्म, जाति और समुदाय से ऊपर उछकर जनता की सेवा करेगी। लेकिन बीते वर्षों में आम आदमी पार्टी ने बार-बार यह साबित किया है कि वह केवल वोट बैंक की राजनीति करती है और जब किसी समुदाय के अधिकारों की रक्षा की बात आती है, तो पार्टी चुप्पी साध लेती है। दिल्ली दंगों के समय आपकी सरकार का रवैया बेहद निराशाजनक रहा। दंगे के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए न कोई ठोस कदम उठाए गए, न ही कोई सहानभूति प्रकट की गई। झूठे आरोपों में फंसाए गए हमारे साथी ताहिर हुसैन को न पार्टी ने सिर्फ निष्कासित किया, बल्कि उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया।