
क्रिकेटर एस श्रीसंत ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) से साफ तौर पर कहा है कि वह भीख नहीं मांग रहे हैं, सिर्फ अपनी रोजी-रोटी वापस चाहते हैं। दो वर्ल्ड कप जीत चुकी टीम का हिस्सा रहे श्रीसंत को 2013 के आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग मामले में पिछले महीने केरल हाई कोर्ट ने बरी कर दिया था। फिलहाल श्रीसंत भारतीय क्रिकेट बोर्ड द्वारा उनके ऊपर लगाए गए आजीवन प्रतिबंध को हटाने और टीम में वापस जगह पाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। भले ही केरल हाई कोर्ट ने क्रिकेटर से बैन हटा लिया हो, लेकिन बोर्ड ने शीर्ष अदालत में इस फैसले को चुनौती देने का फैसला किया है। श्रीसंत ने यह भी कहा कि वह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाली टेस्ट सीरीज में खेलना चाहते हैं, लेकिन फिलहाल यह संभव नजर नहीं आता। गौरतलब है कि 13 सितंबर 2013 को वर्तमान वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुआई वाली बीसीसीआई की अनुशासन कमिटी ने श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था।
एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि बैन लगाए जाने के बाद उन पर क्या बीती थी और कैसे उनकी गिरफ्तारी की साजिश रची गई। उन्होंने यह भी बताया कि केरल हाई कोर्ट द्वारा बैन हटाए जाने से वह संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा, मैं भीख नहीं मांग रहा, सिर्फ बोर्ड से अपनी रोजी-रोटी वापस चाह रहा हूं। इंडिया टीवी से बातचीत में उन्होंने गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए यह भी बताया कि वे दिन कितने डरावने थे। उन्होंने बताया, मुझे सुबह 3 बजे गिरफ्तार किया गया था। तब मैं मैच के बाद पार्टी में मुंबई इंडियन्स और राजस्थान रॉयल्स के खिलाड़ियों के साथ था। क्लब से बाहर आने के बाद मैं अपने दोस्त के घर की ओर जा रहा था, जहां लगा कि मुझे अगवा कर लिया गया है। मुझे लगा कि यह मजाक है, लेकिन वहां से मुझे एक महफूज जगह ले जाया गया, जहां से मुझे बेल भी नहीं मिली। श्रीसंत ने बताया, मुझे वहां 7 या 7.30 तक रखा गया। इसके बाद मजिस्ट्रेट हाऊस ले जाया गया। उस दिन शनिवार और अगले दिन संडे था। मैं जमानत की अर्जी भी नहीं डाल सकता था। यह सब एक प्लानिंग की तरह लग रहा था।