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महात्मा गांधी के पुतले को गोली मारने वाली हिंदूवादी पूजा पाण्डेय फरार, राष्ट्रपिता के हत्यारे गोडसे की श्रीकृष्ण से की तुलना

  • January 31, 2019
  • 1 min read
महात्मा गांधी के पुतले को गोली मारने वाली हिंदूवादी पूजा पाण्डेय फरार, राष्ट्रपिता के हत्यारे गोडसे की श्रीकृष्ण से की तुलना

अलीगढ़ । राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर हिन्दूवादियों ने न सिर्फ गांधी के पुतले को गोली मारी बल्कि उसे फूंका भी । अलीगढ़ में गोडसे अमर रहे हैं और महात्मा गांधी मुर्दाबाद के नारे भी लगे। सोशल मीडिया पर जैसे ही यह वीडियो और फ़ोटो वायरल हुई दिल्ली तक हड़कंप मच गया । आनन फानन में पुलिस सक्रिय हुई और मुकद्दमा दर्ज किया गया । गांधी पार्क थाने के एसआई संजीव कुमार ने इस मामले में अखिल भारतीय हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव पूजा शकुन पांडेय, उनके पति अशोक कुमार पांडेय, मनोज, राजीव, जयवीर शर्मा, अभिषेक, गजेंद्र कुमार, अनिल वर्मा, महिला कार्यकर्ता उत्तमा सिंह व एक अज्ञात सहित कुल दस लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। एसपी सिटी आशुतोष द्विवेदी के ने एक आरोपी के गिरफ्तार होने की पुष्टि की है । वहीं हिंदूवादी नेत्री पूजा शकुन पांडेय अपने साथियों के साथ फरार हैं ।

https://youtu.be/aIYsPi46UYs

मामले ने तूल पकड़ लिया है और मोदी सरकार में गांधी के हत्यारे को प्रोत्साहन देने और गांधी को गोली मारने की घटना देशभर में चर्चाओं में है । सभी राजनैतिक दलों के नेताओं ने इसकी निंदा की है ।

दरअसल अखिल भारत हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव पूजा शकुन पाण्डेय ने बुधवार को महात्मा गांधी जी की पुण्य तिथि को नाथूराम गोडसे की याद में शौर्य दिवस के रूप में मनाया। पूजा शकुन ने गांधी जी के पुतले को तीन गोली मारकर उसका दहन किया। बी दास कंपाउंड जीटी रोड पर अखिल भारत हिंदू महासभा ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम का नाम महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की याद में शौर्य दिवस रखा था। इसमें पूजा शकुन पांडेय ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी को गद्दार बताया। गोडसे को भगवान कृष्ण की संज्ञा दी। शकुन ने कहा कि अगर गांधी और जीवित रहते तो देश का विभाजन और कई बार हो जाता। इसीलिए गांधी की तस्वीर को तीन गोली मार कर उनका पुतला भी दहन किया। नाथूराम गोडसे ने देश का बंटवारा कराने वाले का वध किया था। इसीलिए अखिल भारत हिंदू महासभा 30 जनवरी को गांधी वध को शौर्य दिवस के रूप में मनाती है। जैसे गोडसे ने गांधी के वध किया था, ठीक उसी तरह से महासभा ने भी प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि हम गोडसे पर गर्व करते हैं।