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November 22, 2024
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जस्टिस लोया की मौत का केस फिर खोल सकती है महाराष्ट्र सरकार !

  • January 9, 2020
  • 1 min read
जस्टिस लोया की मौत का केस फिर खोल सकती है महाराष्ट्र सरकार !

मुंबई | महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने गुरुवार को कहा कि वह कुछ लोगों से मिले थे, जिन्होंने दावा किया है कि जज लोया की मौत के मामले में उनके पास ठोस सबूत है। उन्होंने कहा है कि अगर उनका दावा सही है तो यह मामला फिर से खुल सकता है। आपको बता दें कि गुजरात के चर्चित सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे न्यायामूर्ति लोया की एक दिसंबर 2014 को नागपुर में उस समय दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी, जब वह अपने एक सहयोगी की बेटी की शादी में शामिल होने गए थे।

https://www.youtube.com/watch?v=KmFd-XSfRuI

देशमुख ने पत्रकारों से कहा, ”हमारी सरकार ने लोया मौत मामले की दोबारा जांच कराने का विकल्प खुला रखा है। कुछ लोग मामले को दोबारा खोलने की मांग को लेकर आज मुझसे मिल रहे हैं। मैं उन्हें सुनूंगा और अगर जरूरी हुआ, तो दोबारा जांच कराई जाएगी। जब देशमुख से पूछा गया कि क्या लोया का परिवार उनसे मिलने वाला है, तो उन्होंने कहा कि वह इसका खुलासा नहीं करना चाहते हैं।

https://www.youtube.com/watch?v=AKFgPdEZat0

इस बीच, देशमुख ने उन पुलिस अधिकारियों की प्रशंसा की जिन्होंने भगोड़े माफिया सरगना एजाज लकड़वाला को बुधवार की रात पटना से गिरफ्तार किया। उन्होंने बताया कि माफिया की बेटी शिफा शेख ने अपने पासपोर्ट पर पिता का नाम ” मनीष आडवाणी दर्ज कराया था। देशमुख ने कहा, ” वह फर्जी पासपोर्ट मामले में गिरफ्तार की गई थी और लकड़वाला की गिरफ्तारी उससे पूछताछ के आधार पर हुई। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि मनीष आडवाणी कौन है।

यह पूछे जाने पर कि क्या लकड़वाला को गिरफ्तार करने वाले पुलिस अधिकारियों को पुरस्कृत किया जाएगा? मंत्री ने कहा, उन्होंने अच्छा काम किया है और उन्हें सम्मानित करने का फैसला लिया जाएगा। देशमुख ने बताया कि माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम, छोटा शकील और छोटा राजन का सहयोगी रह चुका लकड़वाला 2008-2009 से ही स्वतंत्र गिरोह चला रहा था। मंत्री ने बताया, लकड़वाला के खिलाफ 26 मामले रंगदारी मांगने के, चार मामले महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत और 80 अन्य शिकायतें दर्ज हैं।

https://www.youtube.com/watch?v=23to7KWMZW4

मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) हिंसा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान दर्ज मामलों को पुलिस द्वारा राजनीतिक दबाव में वापस लेने के भाजपा के आरोपों पर देशमुख ने कहा कि पुलिस यह जांच कर रही है कि मुंबई निवासी महक प्रभु को वह तख्ती कहां से मिली जिस पर ” स्वतंत्र कश्मीर का संदेश लिखा था और इसे प्रदर्शित करने का उद्देश्य क्या था। उन्होंने कहा, ” प्रभु ने अपना पक्ष रख दिया है और जांच पूरी होने के बाद प्राथमिकी दर्ज करने पर फैसला लिया जाएगा। देशमुख ने कहा कि उन्होंने एक जनवरी 2018 को कोरेगांव भीमा में हुई हिंसा की जांच की स्थिति रिपोर्ट भी तलब की है।