लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ और उनके कुछ कैबिनेट सहयोगी 15 मई से 15 जून के बीच बिहार यात्रा पर जाएंगे। सीएम बनने के बाद योगी की बिहार की पहली यात्रा होगी। योगी समेत सभी नेता बिहार की जनता को केंद्र के 3 साल में किए गए कामों की जानकारी देंगे। योगी की इस बिहार यात्रा का मकसद राज्य की बीजेपी ईकाई में जोश भरने और जान फूंकने के लिए हैं।
वहीं दूसरी ओर इस खबर के बाद बिहार में भाजपा विरोधी दलों में बेचैनी मच गयी है। योगी की इस यात्रा के पीछे का खास मकसद है अगस्त में होने वाली आरजेडी की रैली पर असर डालना। अगस्त में प्रस्तावित आरजेडी की रैली में विपक्ष के कई बड़े नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है।
वहीं भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने बीजेपी नेताओं के बिहार के दौरे की पुष्टि की है। मोदी ने कहा कि योगी के सीएम बनने के बाद पहली यात्रा को लेकर बिहार के पार्टी कार्यकर्ता उत्साहित हैं। योगी के साथ यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य समेत कई मंत्री शामिल होंगे। दौरा करने वाले नेताओं की सभाओं के स्थान को लेकर विचार-विमर्श किया जा रहा है।
योगी की बिहार यात्रा को लेकर मीडिया में खबरें आई थीं कि वह अपने संगठन हिंदू युवा वाहिनी के विस्तार के लिए जा रहे हैं। आदित्य नाथ की यात्रा को लेकर जेडीयू के प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि योगी ब्रांड की राजनीति की बिहार में कोई जगह नहीं है। कई लोग बिहार में विभाजनकारी रणनीति के लेकर आए, लेकिन सफल नहीं हो सके।
आखिर क्या है योगी की बिहार यात्रा का मकसद !
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