यूपी विधनसभा चुनाव: स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद दारा सिंह चौहान के इस्तीफे पर मचा घमासान
मऊ। उत्तर प्रदेश के मऊ जिले की मधुबन विधानसभा सीट से विधायक और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चौहान ने बुधवार मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफा देने के बाद मधुबन विधानसभा में बुधवार को चट्टी चौराहों से लेकर चाय की दुकानों पर चुनावी चर्चा का बाजार गर्म रहा। वहीं सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई। इस्तीफे के बाद समाजवादी पार्टी में जाने की अटकलों को लेकर भाजपा के जिला महामंत्री राधेश्याम सिंह गुड्डू ने कहा कि कैबिनेट मंत्री होने के बावजूद दारा सिंह चौहान विकास में फिसड्डी रहे। क्षेत्र में विकास ना होने से उनके प्रति लोगों में नाराजगी है। पार्टी ने उन पर विश्वास करते हुए मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया लेकिन उन्होंने उसके अनुरूप कार्य नहीं किया।
Uttar Pradesh cabinet Minister and BJP leader Dara Singh Chauhan quits from his post pic.twitter.com/PWvCNUq4zm
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 12, 2022
वहीं जिला उपाध्यक्ष भाजपा युवा मोर्चा कौशल चौहान ने कहा कि चौहान वोट पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। बहरूपिया के दल बदलने से चौहान वोट भाजपा से इतर कहीं नहीं जाने वाला है। मधुबन विधानसभा ही नहीं पूरे पूर्वांचल के चौहान भाजपा के साथ हैं तथा पूर्ण बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बनने जा रही है। वहीं हकारीपुर निवासी देवेंद्र सिंह ने कहा कि कैबिनेट मंत्री ने क्षेत्र में राजकीय महाविद्यालय, फायर स्टेशन, मधुबन दुबारी परसिया मार्ग सहित अन्य विकास के कार्य किए हैं, वह जहां जाएंगे हम सब वही जाएंगे। मंत्री प्रतिनिधि शिव प्रकाश उपाध्याय उर्फ सुब्बी बाबा ने कहा कि हम उनके साथ हैं वह जहां जाएंगे हम वहां जाएंगे।
दारा सिंह चौहान ने 2017 के विधानसभा चुनाव के पूर्व भाजपा का दामन थामा था। उस वक्त भाजपा ने उन्हें मधुबन से प्रत्याशी बनाया, फिर जीत के बाद मंत्री। लेकिन पांच साल बीतते-बीतते उन्होंने भाजपा को अलविदा कहते हुए इस्तीफा दे दिया। दारा सिंह चौहान अब मऊ की जगह आजमगढ़ की किसी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। दारा सिंह चौहान पूर्वांचल में चौहान समाज के नेताओं में एक बड़ा नाम है। इसलिए हर पार्टी उन्हें अपने खेमे में लेने को आतुर रहती है। जिसको पूरा फायदा वह समय-समय पर उठाते रहते हैं। इस्तीफे के बाद उन्होंने सपा मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात की। ऐसे में यह माना जा रहा है कि वे समाजवादी पार्टी में जाएंगे। वहीं सूत्रों की माने तो दारा सिंह मऊ की जगह आजमगढ़ के किसी सीट से चुनाव लड़ेगे।
उन्होंने राजनीतिक जीवन से छात्र राजनीति से कदम रखा था। पहले कांग्रेस संगठन में पदाधिकारी रहे, फिर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। वर्ष 1996 में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने उन्हें राज्यसभा भेजा। 2000 में कार्यकाल पूरा होने पर पुन: 2000 से 2006 तक राज्यसभा में सपा का प्रतिनिधित्व किया। इसके बाद फिर पलटी मारी और बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए। बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें घोसी लोकसभा सीट से 2009 में चुनाव लड़ाया और पहली बार लोकसभा सदस्य बने। उन्हें लोकसभा में संसदीय दल का नेता भी बनाया गया। वर्ष 2014 में पुन: बसपा के टिकट पर लोकसभा के लिए मैदान में उतरे किंतु भाजपा प्रत्याशी हरिनारायण राजभर के हाथों हार गए।
देश में चल रहे सियासी तापमान को भांप दारा सिंह चौहान वर्ष 2015 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये। यहां भी उन्हें सम्मान मिला और पिछड़ा वर्ग मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत किया गया। 2017 के चुनाव में पार्टी ने मधुबन विधानसभा से टिकट दिया, जहां से 30 हजार से अधिक वोटों से जीत कर प्रदेश सरकार में मंत्री बने। इसके बाद सियासी मौसम को देख फिर चुनाव के पहले पलटी मार गए।