अलीगढ़ | देशी आतिशबाजी के लिए मशहूर कस्बा जलाली के पुश्तैनी आतिशबाज परिवार में गुरुवार देर रात आतिशबाजी के जबरदस्त धमाका हो गया। इस हादसे से भरभराकर गिरे मकान के मलबे में दबकर मां-बेटी की मौत हो गई, जबकि एक महिला और बच्ची गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं। देर रात हुए धमाके से कस्बे में अफरा-तफरी मच गई। एसएसपी सहित पूरा अमला पहुंच गया। आनन-फानन लोगों की मदद से मलबे में दबे लोगों को निकालकर जिला मुख्यालय भिजवाया गया। इस दौरान मौके पर भारी भीड़ जमा रही। बता दें कि यह इस परिवार में पिछले 16 साल में तीसरा हादसा है और अब तक आठ मौतें हो चुकी हैं।
कस्बे के गोपाल मंदिर के बराबर रहने वाले रफीक उर्फ पीका के घर में देशी आतिशबाजी बनाने का पुश्तैनी कारोबार है। यह और इनके भाई व अन्य सभी परिजन कस्बा चौकी के पास एक खंडहरनुमा भवन में देशी आतिशबाजी बनाते हैं, जिनका इनके पास लाइसेंस भी है। यह आतिशबाजी शादियों व जशभन आदि के समय में प्रयोग के लिए बनाई जाती है। चूंकि अब दीपावली है, इसके बाद शादियों का सीजन शुरू होने जा रहा है। इस लिहाज से इन दिनों कारोबार बड़े पैमाने पर चल रहा है और रफीक ने अपने घर में तैयार माल का भंडारण भी कर रखा था। वाकया रात करीब साढ़े दस बजे का है, जब रफीक तो बाजार में घूमने गया हुआ था। उसका सबसे बड़ा बेटा अशरफ (17), छोटा बेटा समीर (8) व सबसे छोटी बेटी आलिया (6) घर के दरवाजे पर ही बैठे थे। घर के अंदर पत्नी अफसरी (38) के अलावा बेटी तैय्यबा (15) व मझली बेटी मुंतसा (10) मौजूद थीं। तभी अचानक चिंगारी के साथ घर में रखी आतिशबाजी में आग लगने के साथ तेज धमाका हो गया और 4 कमरों के मकान का 75 फीसदी हिस्सा भरभराकर गिर गया। अंदर अफसरी, तैय्यबा और मुंतसा मलबे में दब गए। इससे वहां चीख पुकार मच गई। दरवाजे पर मौजूद बच्चे घर के अंदर दौड़ पड़े। पड़ोस में रहने वाले रफीक के भाई मोहम्मद की पत्नी शकीला के सिर पर पत्थर आकर गिरने से बुुरी तरह जख्मी हो गई। आनन फानन इस खबर पर एसएसपी राजेश पांडेय, एसपी देहात डॉ.यशवीर सिंह, एसडीएम कोल पंकज वर्मा, एसओ हरदुआगंज, एसओ अकराबाद, एफएसओ आदि पहुंच गए। लोगों की मदद से पहले मुंतसा को मलबे से निकाला गया और शकीला व मुंतसा को गंभीर घायलावस्था में इलाज के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया गया।
बाद में डेढ़ घंटे तक मलबे से अन्य दबे हुए लोगों को निकालने का प्रयास चला। अब जाकर अफसरी व तैय्यबा को निकाला गया। मगर तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी। इस दौरान लोगों ने कुछ देर इस बात पर भी हंगामा किया कि मलबे में और भी लोग दबे हो सकते हैं। मगर परिजनों ने शेष सभी सदस्यों के बाहर सुरक्षित होने की बात कही। तब जाकर मलबे में तलाश का काम बंद किया गया। इधर, अफसरी व तैय्यबा को जिला मुख्यालय लाया गया। जहां दोनों को मृत घोषित कर दिया गया है। देर रात तक पुलिस बल मौजूद था। फायर ऑफीसर व उनकी टीम रफीक के आतिशबाजी निर्माण के लाइसेंस आदि की जांच के काम में जुटी थी।