इलाहाबाद हाईकोर्ट : मस्जिद कहीं और शिफ्ट करने के लिए राजी हुए मुस्लिम
इलाहाबाद | अयोध्या में रामजन्मभूमि से मस्जिद हटाने का मुकदमा सुप्रीम कोर्ट सुन रहा है लेकिन ऐसे ही एक मामले में दोनों पक्ष विवादित मस्जिद को कहीं और शिफ्ट करने पर राजी हो गए है। खास बात यह है कि इस बातचीत के लिए मुस्लिम पक्ष ने ही पहल की। मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट के भीतर बनी अवैध मस्जिद का है। इस मस्जिद को हटाने के खिलाफ हाईकोर्ट के आदेश के बाद सुन्नी बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की थी। बोर्ड की तरफ से वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि इस मामले में वे कानून के मुद्दे पर बहस नहीं करना चाहते। इसका कुछ और समाधान हो।
इस पर सीजेआई की पीठ के एक जज जस्टिस डीवाई चन्द्रचुड ने कहा कि सरकार मस्जिद कही और बनाने के लिए भूमि दे सकती है। सिब्बल ने कहा इसके लिए वह तैयार हैं, लेकिन मस्जिद में कई दशकों से लोग नमाज पढ़ रहे हैं। इस पर यूपी सरकार की ओर से मुकुल रोहतगी ने विरोध किया और कहा कि यह विवादित तथ्य है। जस्टिस चंद्रचुड, जो इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भी रह चुके हैं, ने कहा कि मस्जिद बिल्कुल कोर्ट परिसर के भीतर है। उन्होंने कहा कि वकीलों के चैम्बर के पीछे जमीन खाली पड़ी है सरकार मस्जिद बनाने के लिए उसे देने पर विचार कर सकती है।
सीजेआई दीपक मिश्रा ने कहा कि ठीक है सभी पक्ष आपस में बैठें और बात कर समाधान निकालें। सुनवाई 16 मार्च को होगी। सिब्बल ने कहा तब तक प्राधिकार कोई तोड़फोड़ न करने को कहा जाए। रोहतगी ने आश्वासन दिया कि ऐसा नहीं किया जाएगा। गौरतलब है कि पिछले दिनों हाईकोर्ट ने इस मस्जिद को अवैध घोषित कर गिराने के आदेश दिए थे। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जांच कर पाया था मस्जिद कोर्ट की भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर बनी हुई है।