आख़िरकार कोरोना को लेकर अनुपम खेर ने की मोदी सरकार की आलोचना, कहा- ‘राहत देने की बजाय अपनी खुद की छवि बनाने पर जोर अधिक है’
नई दिल्ली | आखिरकार पीएम मोदी के कट्टर समर्थक अनुपम खेर भी आलोचना करने पर मजबूर हो गए | ऑक्सीजन की आपूर्ति से लेकर अस्पतालों में बेड की व्यवस्था तक को लेकर सरकार आलोचनाओं का सामना कर रही है। वहीं कोरोना कहर के बीच मोदी सरकार की नीतियों की अक्सर तारीफ करने वाले अभिनेता अनुपम खेर के सुर भी बदले नजर आ रहे हैं। अभिनेता अनुपम खेर ने बुधवार को कहा कि कोविड की दूसरी लहर के मद्देनजर देश में जो कुछ हो रहा है उसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराना जरूरी है और कहा कि अधिकारियों की सार्वजनिक आलोचना ‘कई मामलों में वैध’ है।
नरेंद्र मोदी नीत सरकार के अकसर करीबी माने जाने वाले दिग्गज अभिनेता ने कहा कि सरकार के लिए समय यह समझने का है कि छवि बनाने से ज्यादा जरूरी जीवन बचाना है। बता दें कि देश में चारों तरफ ऑक्सीजन से लेकर बेड के लिए हाहाकार मचा है। हर दिन कोरोना से करीब चार हजार मौतें हो रही हैं और रोजाना करीब चार लाख केस मिल रहे हैं। एक साक्षात्कार में, एफटीआईआई के पूर्व चेयरपर्सन ने कहा कि सरकार से स्वास्थ्य संकट के प्रबंधन में कहीं न कहीं चूक हुई है लेकिन दूसरे राजनीतिक दलों का इन खामियों का अपने हक में फायदा उठाना भी गलत है। यह पूछे जाने पर कि सरकार के प्रयास अभी राहत देने की बजाय अपनी खुद की छवि एवं समझ को बनाने पर अधिक है, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता ने कहा कि सरकार के लिए आवश्यक है कि इस चुनौती का सामना करें और उन लोगों के लिए कुछ करें जिन्होंने उन्हें चुना है।
अनुपम खेर ने गंगा और अन्य नदियों में कई शवों के मिलने का जिक्र करते हुए कहा, ‘कई मामलों में आलोचना वैध है…कोई अमानवीय व्यक्ति ही नदियों में बहती लाशों से प्रभावित नहीं होगा।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन दूसरी पार्टियों का इसका अपने लाभ के लिए इस्तेमाल करना, मेरे विचार में ठीक नहीं है। मेरे हिसाब से, लोगों के तौर पर हमें गुस्सा आना चाहिए। जो हो रहा है उसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराना जरूरी है। कहीं न कहीं उनसे चूक हुई है। उनके लिए समझने का वक्त है कि छवि निर्माण से जरूरी और भी बहुत कुछ है।’