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पत्रकारों के चहीते आखिरी चिराग ह्दय नारायण दीक्षित !

  • August 26, 2018
  • 1 min read
पत्रकारों के चहीते आखिरी चिराग ह्दय नारायण दीक्षित !

नवेद शिकोह –
तमाम दिग्गज राजनेता लखनऊ के पुराने पत्रकारों के अज़ीज़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश भाजपा का केंद रहा है और इस प्रदेश के भाजपा नेता पार्टी की ताक़त बने हैं। पुराने जमाने में वाकई भाजपा की पहचान चाल-चरित्र, चेहरे से थी। कई ज़मीनी नेता अपनी सादगी की वजह से भी जाने जाते थे। इनका ज़मीन से सीधा रिश्ता था। ये नेता संस्कारी, व्यवहार कुशल और पत्रकारों से खूब घुलते-मिलते थे। पत्रकारों को ख़ूब इज्जत देते थे। यूपी के तमाम बड़े नेताओं का पत्रकारों से इसलिए भी मन मिलता था क्योंकि ये नेता खुद कलमकार, पत्रकार या साहित्यकार थे।

उत्तर प्रदेश में भाजपा का पिछले 25-30 वर्ष का इतिहास देखिये तो यूपी में भाजपा विपक्ष की सक्रिय भूमिका में या सरकार चलाने की जिम्मेदारी में रही है। तमाम पत्रकार ऐसे हैं जो बीस-तीस वर्षों से राजधानी लखनऊ की पत्रकारिता में सक्रिय रहे हैं। बयान लेना, प्रेस वार्ता कवर करना, रूटीन ब्रीफिंग में जाना, साक्षात्कार करना, विधानसभा सत्र करना…… इस सिलसिले में दो दशक तक लखनऊ में जमे भाजपा नेताओं और सक्रिय पत्रकारों के बीच एक रिश्ता सा हो जाना स्वाभाविक ही है।

अटल जी, राम प्रकाश गुप्ता, कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह, लाल जी टंडन, कलराज मिश्र, ह्दय नारायण दीक्षित और केसरी नाथ त्रिपाठी जैसे नेताओं और लखनऊ में लगभग तीन दशक से सक्रिय पत्रकारों का मन का निस्वार्थ रिश्ता रहा है। वीर विक्रम बहादुर मिश्र, अजय कुमार, रामदत त्रिपाठी, शरत प्रधान, प्रमोद गोस्वामी, अखिलेश वाजपेयी, बृजेश शुक्ला, सदगुरुशरण से लेकर दूसरी पौध में अशोक राजपूत, श्रीधर अग्निहोत्री, योगेश श्रीवास्तव, मुकुल मिश्रा और अविनाश… जैसे एक दर्जन से अधिक अखबारों के पत्रकार हैं जिन्हें भाजपा बीट कवर करने के दौरान बड़े-बड़े नेता सूत्र के रूप में बेहतरीन खबरें भी देते रहे।
पत्रकारों के चहेते लगभग आधा दर्जन भाजपा नेताओं में अब केवल ह्दय नारायण दीक्षित ही लखनऊ में बचे हैं। बाकी सब विदा हो गये। कल्याण सिंह और केशरीनाथ त्रिपाठी राज्यपाल बनकर पहले ही दूसरे राज्यों में विदा हो चुके थे, अब लाल जी टंडन भी बिहार के राज्यपाल बना दिये गये। राजनाथ सिहं बतौर गृह मंत्री केंद्र सरकार के अहम पद पर दिल्ली के हो गए ।
बुद्धिजीवी, व्यवहार कुशल और मिलनसार पुराने भाजपा नेताओं में लखनऊ के पत्रकारों के बीच आखिरी चिराग बचे हैं ह्दय नारायण दीक्षित। खुदा इनको सलामत रखे।

-लेखक लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार हैं ।