प्रपोज डे पर पढ़िए ध्रुव गुप्त का आर्टिकल- ‘बहुत प्यार करते हैं तुमको सनम’
आज ‘प्रोपोज डे’ की धूम देखकर अपनी नाकाम जवानी पर अफ़सोस हुआ। हमारी पीढ़ी में अपने सपनों की मलिका के सामने प्रेम का प्रस्ताव रखने का साह्स कम ही होता था। वह कभी मुख़ातिब भी हुई तो मुंह से ज़ुबान गायब। जब तक कुछ कहने का साहस जुटा पाएं, हमारी दुनिया लुट चुकी होती थी। तब ऐसे लोग ज्यादा थे जो दिल में किसी की तस्वीर बनाकर उसके तसव्वुर में जिंदगी गुज़ार दिया करते थे। उस शब्दातीत, अतीन्द्रिय, एकांत प्रेम की कुछ अलग व्यथा, कुछ अलग तिलिस्म हुआ करता था। आज की पीढ़ी हमसे ज्यादा खुली हुई है। वह काल्पनिक या एकतरफा रिश्तों के साथ अपना वक़्त बर्बाद करने को तैयार नहीं।
तो युवा दोस्तों, आज का दिन आपके लिए है। आपका दिल सचमुच किसी के लिए धड़कता है तो उसे प्रोपोज कर दीजिए। लेकिन बहुत एहतराम और विनम्रता के साथ। हमारी दुआ है कि आपका प्रस्ताव स्वीकृत हो जाय ! आपको अस्वीकृति भी मिलती है तो उसे शालीनता के साथ स्वीकार करें ! मुमकिन है उसकी कोई मजबूरी हो। हो सकता है उसे अपने भावी जीवन के लिए आपसे बेहतर कोई साथी मिल गया हो। आप ईश्वर की कोई सर्वश्रेष्ठ रचना तो हैं नहीं। वैसे भी प्यार की सफलता एकाधिकार और दांपत्य में नहीं, उन नाज़ुक़, बेशकीमती संवेदनाओं में है जिसे आपके व्यक्तितव में भरकर आपके महबूब ने आपको अनमोल कर दिया। सो एकतरफा प्रेम की बेहतरीन यादें समेटिए और उसे कुछ अच्छी दुआओं से नवाज़ते हुए निकल पड़िए अगले सफ़र पर ! क्या पता जीवन ने अपने खज़ाने में कितना-कितना प्यार छुपाकर रखा हो आपके वास्ते।
शादीशुदा लोगों को सलाह कि आज के दिन वे घर के बाहर प्रेम की संभावनाएं तलाशने के बजाय यह सोचें कि अपनी पत्नी या पति को आखिरी बार आपने कब प्रोपोज़ किया था ! शायद ज़माने बीत गए होंगे। जो रिश्ता ‘टेकन फॉर ग्रांटेड’ है, उसे कोई गंभीरता से लेता भी नहीं। तो आज मौके का फायदा उठाकर एक बार फिर अपने जीवनसाथी को प्रोपोज़ कर दीजिए ! क्या पता दांपत्य के ठहरे हुए रिश्ते में ताजगी का एक नया, ताजा अध्याय ही जुड़ जाय !
आप सबको ‘प्रोपोज़ डे’ की बहुत शुभकामनाएं !
-लेखक ध्रुव गुप्त पूर्व आईपीएस हैं और वरिष्ठ साहित्यकार हैं ।