संभल में अबतक 5 की मौत, बाहरी लोगों के आने जाने पर रोक ! हिंसा के बाद यह हैं हालत-
संभल | रविवार को संभल में हुई हिंसा के बाद कर्फ्यू जैसे हालत हैं | शहर की जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए दाखिल वाद के आधार पर सर्वे के लिए कोर्ट कमिश्नर की टीम पहुंची तो संभल में बवाल हो गया। रविवार सुबह सात बजे अचानक टीम के आने पर जुटी भीड़ मस्जिद में दाखिल होने कोशिश करने लगी। रोकने पर पुलिस पर पथराव कर दिया। हिंसक हुई भीड़ ने सीओ की गाड़ी समेत कई वाहनों में तोड़फोड़ कर दी और आग लगा दी। इसी बीच फायरिंग भी शुरू हो गई। पुलिस ने आंसू गैस के गोले और लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा। बवाल में घिरकर अबतक पांच लोगों की मौत हो गई। कई अधिकारियों समेत दर्जनों लोग घायल हुए हैं। तनाव को देखते हुए संभल में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।
सर्वे टीम कोर्ट कमिश्नर चंदौसी के वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश सिंह राघव की अगुवाई में आई थी। संभल के डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई भी टीम के साथ थे।बाहर हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने आंसू गैस के गोले और लाठियां चलाकर हिंसक लोगों को दौड़ाया और सर्वे टीम को सुरक्षित मस्जिद से बाहर निकाला। कुछ देर में भीड़ फिर जुट गई और पथराव शुरू कर दिया। फायरिंग भी की गई। मौके पर पहुंची अन्य जिलों की पुलिस और पीएसी के साथ अधिकारियों ने उपद्रव करती भीड़ से मोर्चा लिया। इसके बावजूद करीब डेढ़ घंटे हालात बेकाबू रहे। जैसे-तैसे भीड़ को तितर-बितर कर पुलिस आगे बढ़ी। पूरे इलाके की नाकेबंदी कर दी।
इस बीच पूरे शहर में तनाव गहरा गया। शाम होने तक सख्ती इतनी बढ़ा दी गई कि शहर में अघोषित कफ्र्यू जैसा माहौल हो गया। हिंसा का शिकार युवकों के परिजनों ने पुलिस की गोली से मौत होने की बात कही है। दूसरी ओर मौके पर पहुंचे कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने कहा कि तीन युवकों में दो की मौत गोली लगने से हुई है, लेकिन पुलिस ने गोली नहीं चलाई थी। भीड़ को खदेड़ने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले और लाठी का प्रयोग किया था। तीसरे युवक की मौत का कारण स्पष्ट नहीं हुआ है। कमिश्नर के मुताबिक घायलों में डीआईजी, संभल के डीएम, एसपी और एसडीएम भी शामिल हैं। वहीं देर शाम एक और युवक माैत हो गई। इसकी पुष्टि नखासा थाना प्रभारी ने की है।
बता दें कि 19 नवंबर को संभल की जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए हिंदू पक्ष कोर्ट पहुंच गया था। चंदाैसी स्थित सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य कुमार सिंह की अदालत में वाद दाखिल किया था। जिसपर कोर्ट ने कमीशन गठित कर रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट कमिश्नर रमेश सिंह राघव के नेतृत्व में टीम ने 19 नवंबर की शाम को ही सर्वे की शुरुआत कर दी थी। रविवार को टीम सर्वे की प्रक्रिया आगे बढ़ाने के लिए दोबारा मस्जिद पहुंची थी। इस मामले में कोर्ट में अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी।
इनकी हुई मौत-
संभल के हयातनगर निवासी रोमान (40)
सरायतरीन निवासी बिलाल (22)
मोहल्ला कोट गर्वी तबेला निवासी नईम (35)
मोहल्ला तुर्तीपार इला निवासी कैफ (19)
कोट गर्वी निवासी अयान (22)
वायरल वीडियो :
वीडियो 1 : संभल के एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में वो लोगों से ये कहते सुनाई दे रहे हैं, “अपना भविष्य बर्बाद मत करो इनके चक्कर में, इन नेताओं के चक्कर में।”
वीडियो 2 : एक पुलिस जवान अन्य पुलिस जवान को कमांड देते नजर आयें हैं कि सब गोली चलाओ। इस कमांड के बाद एक के बाद एक कई राउंड फायरिंग हुई। फिर पुलिस के जवानों ने पत्थर उठा कर फेंकना शुरू किया।
जिला प्रशासन द्वारा सख्त नियम :
प्रशासन ने पत्थर, सोडा की बोतलें या किसी भी ज्वलनशील या विस्फोटक सामग्री को खरीदने या जमा करने पर भी प्रतिबंध लगाया है। पुलिस ने कड़ी सुरक्षा का प्रबंध किया है। जिले के सभी स्कूलों को खतरा टल जाने तक बंद कर दिया गया है। साथ ही साथ इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगाया गया है और किसी भी बाहरी व्यक्ति के 30 नवंबर तक बिना अनुमति के क्षेत्र में प्रवेश करने पर रोक लगी गई है।
बयान :
‘वहां कोर्ट के आदेश के अनुपालन में सर्वे किया गया था और उसके बाद वहां भीड़ जमा होने लगी। नारेबाजी बाद में अराजकता में बदल गई और पथराव शुरू हो गया। कई पुलिसकर्मी घायल हो गए और प्रशासन ने बहुत शांति से स्थिति को संभाला। यहां तक कि मुस्लिम पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों ने भी शांति बनाए रखने की अपील की। इसके बावजूद भीड़ ने पथराव किया। यह साजिश का हिस्सा था और स्थानीय लोगों ने जमा भीड़ को सर्वे टीम को निशाना बनाने के लिए उकसाया।’ – विष्णु शंकर जैन (वरिष्ठ अधिवक्ता)
‘आज संभल में जो कुछ हुआ, उसके मद्देनजर क्या ‘पूजा स्थल अधिनियम 1991′ का कोई संवैधानिक/कानूनी महत्व है? माननीय सुप्रीम कोर्ट क्या आप संभल में लोगों की जान जाने के बावजूद मूकदर्शक बने रहेंगे?’ – मनोज कुमार झा (राजद नेता, सांसद)
‘संभल, उत्तर प्रदेश में हालिया विवाद पर राज्य सरकार का पक्षपात और जल्दबाज़ी भरा रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हिंसा और फायरिंग में जिन्होंने अपनों को खोया है उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। प्रशासन द्वारा बिना सभी पक्षों को सुने और असंवेदनशीलता से की गई कार्रवाई ने माहौल और बिगाड़ दिया और कई लोगों की मृत्यु का कारण बना – जिसकी सीधी ज़िम्मेदार भाजपा सरकार है। भाजपा का सत्ता का उपयोग हिंदू-मुसलमान समाजों के बीच दरार और भेदभाव पैदा करने के लिए करना न प्रदेश के हित में है, न देश के। मैं सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में जल्द से जल्द हस्तक्षेप कर न्याय करने का अनुरोध करता हूं। मेरी अपील है कि शांति और आपसी सौहार्द बनाए रखें। हम सबको एक साथ जुड़ कर यह सुनिश्चित करना है कि भारत सांप्रदायिकता और नफ़रत नहीं, एकता और संविधान के रास्ते पर आगे बढ़े।’ – राहुल गांधी (काँग्रेस नेता, सांसद)
‘BJP ने यूपी को बर्बाद कर दिया है। संभल की हिंसा “भारतीय झगड़ा पार्टी” और योगी सरकार द्वारा प्रायोजित हिंसा है।’ – संजय सिंह (आप सांसद)
‘संभल में अब तक पॉंच मौतें हो चुकी हैं, प्रशासनिक लापरवाही और षडयंत्र दोनों दिख रहा है, सरकार ने मृतक परिवारों के लिये संवेदना का एक शब्द नहीं बोला, उल्टे विपक्ष के नेताओं के ख़िलाफ़ FIR दर्ज कर दी गई।
संसद में संभल और अडानी पर सवाल ना उठ सके इसलिये संसद स्थगित कर दी गई।’ – इमरान प्रतापगड़ी (काँग्रेस नेता, राज्यसभा सांसद)
‘सर्वे के नाम पर तनाव फैलाने की साज़िश का ‘सर्वोच्च न्यायालय’ तुरंत संज्ञान ले’ – अखिलेश यादव (सपा अध्यक्ष)
‘संभल, उत्तर प्रदेश में अचानक उठे विवाद को लेकर राज्य सरकार का रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इतने संवेदनशील मामले में बिना दूसरा पक्ष सुने, बिना दोनों पक्षों को विश्वास में लिए प्रशासन ने जिस तरह हड़बड़ी के साथ कार्रवाई की, वह दिखाता है कि सरकार ने खुद माहौल खराब किया। प्रशासन ने जरूरी प्रक्रिया और कर्तव्य का पालन भी जरूरी नहीं समझा। सत्ता में बैठकर भेदभाव, अत्याचार और फूट फैलाने का प्रयास करना न जनता के हित में है, न देश के हित में। माननीय सुप्रीम कोर्ट को इस मामले का संज्ञान लेकर न्याय करना चाहिए। प्रदेश की जनता से मेरी अपील है कि हर हाल में शांति बनाएं रखें।’ – प्रियंका गांधी (काँग्रेस नेता, सांसद)