कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को कहा कि पार्टी को लोगों और संस्थाओं की आजादी को बचाना चाहिए। उन्होंने भाजपा सरकार पर कानून का उल्लंघन करने तथा दमन करने वालों को प्रोत्साहित करने का आरोप लगाया। उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की हुई विशेष बैठक में ऐसे मामले बढ़ने पर चिंता जतायी जिनमें लोग खुद कार्रवाई करने लगते हैं और कहा कि एक भी ऐसा दिन नहीं गुजरता जब लोगों की आजादी कुचली नहीं जाती। सोनिया ने बैठक में कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी को आजादी तथा उससे सम्बद्ध मूल्यों एवं उनके लिए काम करने वाले संस्थानों के बचाव के लिए हमेशा शीर्ष पर बने रहना चाहिए। हमें लोगों तथा समाज की आजादी पर हमला करने वालों के समक्ष कभी भी घुटने टेकने नहीं चाहिए।’’
उन्होंने भाजपा एवं आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस आजादी की लड़ाई में शामिल देशभक्तों को सलाम करती है और ‘‘हमें भूलना नहीं चाहिए कि ऐसे संगठन तथा लोग थे जिन्होंने 1942 के आंदोलन का विरोध किया था और असल में औपनिवेशिक सरकार के साथ सहयोग किया था। उनके राजनीतिक वंशज वही लोग हैं जो आज शीर्ष पदों पर बैठे हैं और खुद को हमारी आजादी के झंडाबरदारों की भूमिका में पेश कर रहे हैं।’’ सोनिया का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पार्टी ने गुजरात में राज्यसभा चुनाव में एक सीट पर जीत दर्ज की है। वहां हाईवोल्टेज ड्रामा के बाद अहमद पटेल जीते। वहीं अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बैठक में भारत के युवाओं और किसानों के बारे में चिंता जतायी। उन्होंने नोटबंदी और जीएसटी लागू होने के बाद की अनेक समस्याओं पर भी चिंता जतायी। भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित सीडब्ल्यूसी की विशेष बैठक में राहुल गांधी बुखार होने की वजह से शामिल नहीं हुए। बैठक में आंदोलन में कांग्रेस के योगदान पर भी चर्चा हुई।