AMU से बड़ी खबर, गोपनीय दस्तावेज लीक मामले में कमेटी गठित, होगी FIR
अलीगढ़ । अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ( #AMU) में दस्तावेज लीक प्रकरण में एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित की गई है। कमेटी इस बात की जांच करेगी कि विश्वविद्यालय के गोपनीय दस्तावेज लीक करने में किस-किस का हाथ है और इसके पीछे क्या मकसद है? इसके अलावा इस प्रकरण में कुछ बाहरी लोगों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
विश्वविद्यालय सूत्रों के मुताबिक पिछले दिनों विश्वविद्यालय के बड़े अधिकारियों के द्वारा छेड़खानी के मामले में एक वरिष्ठ शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। इसके अलावा यूनिवर्सिटी हेल्थ सेंटर से आइसोलेशन में रखे गए कश्मीरी छात्रों के लापता हो जाने की बात भी बाहर गई। जांच में पता चला कि वह छात्र लापता नहीं थे बल्कि अपने-अपने सुपरवाइजर से कहकर अपने गृह नगर रवाना हो गए थे, लेकिन विश्वविद्यालय की आंतरिक कार्रवाई पर नजर रखने वाले किसी व्यक्ति ने जल्दबाजी में बाहर यह सूचना लीक कर दी कि छात्र लापता हो गए हैं।
इसके कारण विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष असहजता की स्थिति बनी। हालांकि बाद में साफ हो गया था कि छात्र अपने घर पहुंच चुके हैं। किसी भी छात्र में कोरोना से संबंधित लक्षण भी नहीं थे । उन्हें केवल दूसरे देश से आने के बाद एहतियात के तौर पर आइसोलेशन रखा गया था।
दस्तावेज लीक होने का मामला कुलपति प्रो. तारिक मंसूर के संज्ञान में लाया गया। जिसके बाद उन्होंने इसे बेहद गंभीरता से लेते हुए पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने की बात कही। इसके अलावा पूरे प्रकरण के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित की गई। विश्वविद्यालय प्रशासन अंदर के लोग और बाहर के लोग सभी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर चुका है।