बेबाक, निष्पक्ष, निर्भीक
November 21, 2024
ब्रेकिंग न्यूज़ राजनीति

BSP : पंचायत चुनाव टिकट के लिए पैसों के लेनदेन में नेताओं में जंग जारी

  • June 10, 2021
  • 1 min read
BSP : पंचायत चुनाव टिकट के लिए पैसों के लेनदेन में नेताओं में जंग जारी

अलीगढ | जिला पंचायत के चुनाव में समर्थन देने के एवज में लाखों रुपये के लेनदेन के आरोप प्रत्यारोप लग रहे हैं। बसपा में सबसे अधिक उठापटक हो रही है। जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव में पार्टी के पदाधिकारियों पर लगातार पैसों के लेनदेन के आरोप लग रहे हैं, हालांकि नेता इससे इंकार कर रहे हैं, लेकिन ये मामला शांत होता नहीं दिख रहा है। अलीगढ़ मंडल के बसपा के मुख्य सेक्टर प्रभारी सूरज सिंह निशाने पर हैं। जाटव महापंचायत ने पैसा लेकर वापस नहीं करने का आरोप लगाया है। महापंचायत के नेताओं ने बुधवार को एसएसपी कलानिधि नैथानी से मुलाकात कर विश्वनाथ प्रताप सिंह प्रकरण में जांच कराने के बाद ही कोई मुकदमा दर्ज करने की गुजारिश की। एसएसपी ने उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।

बताते चलें कि बीते सोमवार को हाथरस के नेता विश्वनाथ प्रताप सिंह ने सूरज सिंह के आवास पर धरना देकर जिला पंचायत सदस्य पद के चुनाव में समर्थन के एवज में दिए गए पैसों की मांग की थी, क्योंकि उनको टिकट नहीं मिला था। इस पर सूरज की ओर से बन्नादेवी थाने में तहरीर दी गई थी, जिसमें विश्वनाथ प्रताप पर जान से मारने की धमकी देने के साथ फायरिंग का आरोप लगाया गया। मंगलवार को बसपा नेताओं ने एसएसपी से मिल कर विश्वनाथ पर मुकदमा दर्ज कराने की मांग की। बुधवार को विश्वनाथ समर्थक भी एसएसपी के पास पहुंचे और जांच कराने की मांग उठा दी। जाटव महापंचायत जनपद अलीगढ़ के अध्यक्ष राजेंद्र निडर ने कहा है कि पुलिस को मामले में गहन जांच करने के बाद ही कार्रवाई करनी चाहिए। पूर्व में भी सूरज सिंह बसपाइयों पर झूठे मुकदमे दर्ज करा चुके हैं।

पूर्व जिलाध्यक्ष रघुवीर सिंह उषवा, जितेंद्र कुमार राही, वामसेफ के नेता राधेश्याम, अभय कुमार बनी, राजकुमार गौतम, सुनील निगम आदि ने कहा कि वह बसपा सुप्रीमो मायावती के निष्ठावान सिपाही हैं, इसलिए पार्टी की दुर्दशा नहीं देख सकते हैं। पार्टी को इस संबंध में कुछ करना चाहिए। इन सभी नेताओं ने हाथरस के नेता विश्वनाथ प्रताप सिंह के खिलाफ अलीगढ़ मंडल के बसपा के मुख्य सेक्टर प्रभारी सूरज सिंह द्वारा दी गई तहरीर का विरोध किया है। पार्टी से हाल ही में निष्कासित कुछ नेताओं ने कहा है कि इससे पार्टी की छवि की खराब हो रही है। जनता के बीच गलत संदेश जा रहे हैं। इसका असर विधानसभा चुनाव में पड़ेगा। पार्टी सुप्रीमो को इस पर ध्यान देना होगा।