बुलंदशहर | जिला पंचायत अध्यक्ष को लेकर चल रहे गतिरोध के बीच अध्यक्ष को हाईकोर्ट का झटका लगा है। हाईकोर्ट ने जिला पंचायत अध्यक्ष की याचिका को यह कहकर खारिज कर दिया कि सदन का फैसला सदन में ही होगा। हाईकोर्ट के फैसले के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष को लेकर राजनीति गरमा गई है। अब दोबारा से बिसात सजने लगी है।
जिला पंचायत अध्यक्ष हरेंद्र यादव ने अविश्वास को लेकर आठ सदस्यों के शपथ पत्रों की जांच कराने को याचिका दाखिल की थी। बुधवार को जिला पंचायत अध्यक्ष की याचिका पर हाईकोर्ट में आठ घंटे तक बहस की गई। बहस के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष की याचिका को यह कहकर खारिज कर दिया कि सदन के बहुमत का फैसला सदन में ही किया जाएगा।
हाईकोर्ट के जस्टिस ने फैसला दिया कि 23 मई को जिला पंचायत अध्यक्ष के अविश्वास को लेकर 23 मई को सदन में फैसला होगा। हाईकोर्ट ने आदेश दिया गया है कि सदन में वीडियोग्राफी भी की जाएगी। हाईकोर्ट के आदेश पर विपक्षी सदस्यों सुनील चरौरा, अनुज सिरोही, पिंटू प्रमुख, पंकज प्रधान, धर्मेंद्र, संतपाल , सुरेन्द्र कुमार, प्रमोद ने संतोष व्यक्त किया।
इन्होने कहा-
हाईकोर्ट का निर्णय सर्वोपरि है। अब सदन में 23 मई को शक्ति प्रदर्शन किया जाएगा। सदन का बहुमत मेरे साथ है। मुझे पूरा यकीन है कि हम सदन का विश्वास जीतेंगे। 23 मई को तस्वीर साफ हो जाएगी।- हरेन्द्र यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष
यह बोले भाजपा जिलाध्यक्ष-
पंचायत अध्यक्ष के पास सदन का बहुमत नहीं है। अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सदन में पास हो जाएगा। 23 मई को जिला पंचायत अध्यक्ष को लेकर तस्वीर पूरी तरह साफ हो जाएगी।- हिमांशुु मित्तल, जिलाध्यक्ष, भाजपा