राजस्थान : अशोक गहलोत कैबिनेट में बदलाव संभव, कई मंत्रियों की होगी छुट्टी
जयपुर | राजस्थान में गहलोत कैबिनेट में तीसरी बार फेरबदल हो सकता है। खराब परफाॅर्मेंस वाले आधा दर्जन मंत्रियों की छुट्टी होना तय माना जा रहा है। दरअसल, डेढ़ साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर विधायकों व कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने के लिए कैबिनेट में फेरबदल के आसार है। लंबे समय से बिना किसी पद के चल रहे सचिन पायलट को सत्ता या संगठन में एडजस्ट किया जा सकता है। चर्चा है कि पार्टी आलाकमान की मंशा के अनुरुप सत्ता एवं संगठन में गहलोत-पायलट गुट के सभी नेताओं को एडजस्ट कर एकजुटता के साथ विधानसभा चुनाव में जाया जाए। कैबिनेट पुनर्गठन में कमजोर परफाॅर्मेंस वाले मंत्रियों के स्थान पर वरिष्ठ विधायकों एवं मंत्री बनाया जा सकता है।
सीएम गहलोत ने नवंबर 2021 में फेरबदल के बाद फिर से फेरबदल के संकेत दिए थे। राहुल गांधी द्वारा सचिन पायलट के धैर्य की तारीफ करने के बाद फेरबदल की सुगबुगाहट तेज हो गई है। विधानसभा सत्र के दौरान वरिष्ठ कांग्रेस विधायक गहलोत सरकार को घेर चुके हैं। मंत्रियों की कार्यशैली पर सवाल भी खड़े कर चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि विधायकों की नाराजगी दूर करने के लिए लिए जुलाई के अंतिम सप्ताह फेरबदल हो सकता है।
तीसरे और अंतिम फेरबदल को लेकर प्रदेश प्रभारी अजय माकन संकेत दे चुके हैं। इससे से गहलोत समर्थक निर्दलीय विधायकों ने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी थी। जबकि निर्दलीय और बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों को मायूसी हाथ लगी थी। बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए सिर्फ राजेंद्र सिंह गुढ़ा को ही मंत्री बनाया गया था। राज्यसभा चुनाव के दौरान राजेंद्र गुढ़ा ने स्पष्ट कहा कि प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने अपना वादा पूरा नहीं किया है। राज्यसभा चुनाव के दौरान विधायकों ने खुलकर नाराजगी जताई थी। विधायकों का कहना था कि मंत्री उनकी सुनते नहीं है। कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों ने तो खुलकर अपनी नाराजगी जताई थी। कांग्रेस विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा ने मंत्रियों पर अनदेखी का आरोप लगाया था।
पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। माना जा रहा है कि संभावित सत्ता और संगठन में बड़े फेरबदल के दौरान सचिन पायलट को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। राजस्थान में साल 2023 के अंत तक होने वाले चुनाव के मद्देनजर पार्टी आलाकमान पायलट को बड़ी भूमिका में ला सकता है। राजस्थान में जिस तरह से सीएम गहलोत लगातार पायलट पर जुबानी हमला बोल रहे हैं। उससे दोनों नेताओं के बीच कड़वाहट बढ़ती जा रही है। पार्टी आलाकमान चाहता है कि पायलट को बड़ी जिम्मेदारी देकर विधानसभा चुनाव में जाया जाए। सचिन पायलट ने प्रदेस कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए पार्टी की वापसी करवाई थी।