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April 16, 2024
बिहार

CID की जांच में हुआ खुलासा, जेल में बंद विस्फोटक सप्लायर है फर्जी

  • October 24, 2017
  • 1 min read
CID की जांच में हुआ खुलासा, जेल में बंद विस्फोटक सप्लायर है फर्जी

पटना । जेल में बंद विस्फोटक सप्लायर, कुख्यात वाहिद आलम सीआईडी जांच में नकली निकला । जेल में बंद वाहिद आलम असली वाहिद आलम नहीं हैं । गांव के मुखिया ,सरपंच चौकीदार और यहाँ तक की जन्म देने वाली मां ने जेल में बंद वाहिद को नकली वाहिद बताया हैं । सीआईडी ने असली वाहिद के मोबाइल कैफ के जांच के बाद खुलासा करते हुये एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया हैं ।

बिहार का अपराध एवं अनुसंधान विभाग (सीआईडी) ने जो खुलासा किया हैं वह पुरे देश के पुलिस और कोर्ट के लिए सबक बनेगा । घटना बीते 13 मार्च 2014 की हैं । औरंगाबाद जिले के मुफ्सिल थाना को सूचना मिली की एक बेलोरो पर विस्फोटक से भरा खेप गया की ओर जाने वाली हैं । पुलिस ने जीटी रोड स्थित वाजितपुर गांव के समीप वाहन जांच के दौरान उक्त बेलोरो डब्लू बी-12 ए/ 9183 को जब्त किया और उसपर सवार दो लोगों को हिरासत में ले लिया । बेलोरो की तलाशी ली गयी तो फ्यूज युक्त डेटोनेटर वायर ,375 मीटर , 20 कार्टन विस्फोटक ,जिसपर अंकित था सुपर पावर 90 मेड इन इंडिया ,प्रत्येक कार्टन में 200 पीस 25 एमएम ,125 ग्राम का विस्फोटक एवं सैमसंग कंपनी का मोबाइल जिसमें एयरटेल नंबर 7250137534 एवं टाटा डकोमो नंबर -8235592926 का लगा सीम बरामद किया । पुलिस दोनों को गिरफ्तार कर ली और पूछताछ के लिए थाना लाई ।

इस मामले में गिरफ्तार चालक मो इम्तियाज (नवादा ) एवं प्रवेज आलम (कोलकाता )से पुलिस ने विस्फोटक के बारे में पूछताछ किया तो शुरूआती दौर में कुछ भी नहीं बता रहा था लेकिन जब पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया तो सबकुछ खोलकर रख दिया । मो इम्तियाज एवं प्रवेज ने बताया की विस्फोटक से भरा खेप बनारस से लाया जा रहा था और गया शहर स्थित मेहता पेट्रोल पंप पर पहुंचाना था। यह विस्फोटक वाहिद आलम का हैं ।वाहिद आलम मुगेंर जिले के मुफ्सिल थाना क्षेत्र के सलेमपुर, सुतुरखाना का रहने वाला हैं और वर्तमान में शेखुरा जिले के कुंडा में रहता हैं ।गाड़ी का मालिक नवादा जिले के नेहाल भाई है। वाहिद आलम का मोबाइल नंबर 9334054332 हैं । पुलिस ने मुफ्सिल थाना कांड संख्या -56 /14 ,धारा 414 ,120(बी) ,34 आईपीसी सहित 4/5 विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया । गिरफ्तार दोनों इम्तियाज एवं प्रवेज को जेल भेज दिया।वहीं वाहिद आलम की तलाश एवं जांच पुलिस ने जारी रखा। वाहिद के फरारी के स्थिति में पुलिस ने कोर्ट से वारंट एवं कुर्की जब्ती प्राप्त कर लिया और लगातार दबिश बनाये रखा।

वाहिद आलम बीते 7 सितंबर 2017 को औरंगाबाद एसीजेएम कोर्ट में अपने अधिवक्ता मनोज कुमार तिवारी के माध्यम से आत्म समर्पण कर दिया ।कोर्ट ने वाहिद आलम को मंडल का औरंगाबाद भेज दिया । इसकी खबर केस के अनुसंधानकर्ता को प्राप्त हुई । पुलिस ने वाहिद आलम को 20 सितंबर 2017 को 24 घंटों के लिए रिमांड पर लेकर पूछताछ किया तो वाहिद आलम ने पुलिस को सही जानकारी नहीं दिया और पहचान से संबंधित गुमराह करने लगा।इसपर अनुसंधानकर्ता को शक हुआ और उसने वरीय पुलिस पदाधिकारियों को इसकी सूचना दिया । मामला संदिग्ध पाकर इसकी जांच पुलिस मुख्यालय ने सीआईडी को सौपूर्द कर दिया गया ।सीआईडी के एडीजी विनय कुमार ने जांच टीम गठित किया । सीआईडी टीम ने वाहिद आलम के मोबाइल कैफ निकाला और उसमें दिये गये वाहिद का तस्वीर एवं वोटर कार्ड कार्ड का मिलान किया तो तस्वीर एवं पता एक पाया । मोबाइल कैफ से प्राप्त वाहिद आलम की तस्वीर को गांव के मुखिया ,सरपंच, चौकीदार को पहचान कराया गया तो सभी ने वाहिद आलम को पहचान लिया ।

वाहिद की मां रौशन बीबी को तस्वीर दिखाया गया तो वह अपने बेटे वाहिद की तस्वीर पहचान की और सही बताई ।वहीं औरंगाबाद ,जेल में बंद वाहिद आलम की तस्वीर मुखिया ,सरपंच, चौकीदार, अन्य गांव के परिचित लोगों को दिखाया गया तो सभी ने पहचानने से इंकार कर दिया और स्पष्ट रूप से बताया की यह असली वाहिद आलम नहीं हैं । वाहिद की मां ने भी जेल में बंद वाहिद आलम को नकली करार दिया । सीआईडी टीम ने जेल में बंद वाहिद आलम को शुरूआती जांच में ही नकली पाते ही दूसरा व्यक्ति स्पष्ट कर लिया था वहीं वाहिद की मां रौशन बीबी पहचान नहीं कर पुरी तरह से पुख्ता कर दिया हैं ।गांव के मुखिया ,सरपंच, चौकीदार ने सीआईडी टीम को लिखकर दिया हैं की जेल में बंद वाहिद आलम ,असली वाहिद आलम नहीं हैं । सीआईडी ने औरंगाबाद जिला पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया हैं ।वहीं जांच में बताया गया हैं की इसमें बड़ा रैकेट काम कर रहा हैं और मकसद असली वाहिद आलम को बचाने की हैं ।