गांधी की शरण में कांग्रेस कार्यसमिति ने भाजपा को हराने पर किया मंथन, राहुल को गठबंधन के साथी चुनने का अधिकार
अहमदाबाद | गठबंधन की राजनीति पर सहमति, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को गठबंधन के साथी चुनने का पूरा अधिकार। लोकसभा चुनाव 2019 के प्रचार में गर्माहट आने से पहले अहमदाबाद में कांग्रेस कार्यसमिति ने कुछ ऐसी ही बड़ी बातों पर अपनी मुहर लगा दी। इसके अलावा 58 साल बाद नरेंद्र मोदी के गृहराज्य गुजरात में होने वाली इस अहम बैठक में नोटबंदी, राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर भी विचार विमर्श किया गया। संप्रग प्रमुख सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर खुद को पीड़ित के तौर पर पेश करने और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मोदी की ‘गलत नीतियों’ के कारण देश के लोग पीड़ित हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार की नीतियों पर निशाना साधा और देश में कृषि संकट, औद्योगिक विकास के बाधित होने तथा बेरोजगारी के मुद्दे का उल्लेख किया।
पार्टी ने साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के साथ दिन की शुरुआत की। महात्मा गांधी ने 1930 में आज ही के दिन साबरमती आश्रम से ऐतिहासिक दांडी यात्रा शुरू की थी। दांडी यात्रा की वर्षगांठ के अलावा यह प्रियंका गांधी वाड्रा की पहली आधिकारिक बैठक है जिन्हें हाल ही में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कांग्रेस महासचिव का प्रभार सौंपा गया। कांग्रेस नेताओं ने कार्यसमिति की बैठक के अहम चुनावी मुद्दों के बारे में बताते हुए कहा कि वे गठबंधन के मुद्दों पर और चर्चा करेंगे। सूत्रों ने बताया कि भाजपा को ‘एकजुट’ होकर हराने के लिए सीडब्ल्यूसी, पार्टी अध्यक्ष को प्रमुख राज्यों में समान विचारों वाली अन्य पार्टियों के साथ गठबंधन को अंतिम रूप देने के लिए अधिकृत कर सकती है। उन्होंने बताया कि पार्टी किसी भी तरह के आतंकवाद की निंदा के लिए एक प्रस्ताव भी पारित करेगी। कांग्रेस कार्य समिति की पूरे दिन चलने वाली यह बैठक इस लिहाज से भी अहम है कि चुनावी कार्यक्रम की घोषणा के महज दो दिन के भीतर यह बैठक हो रही है। लोकसभा चुनावों के लिए रणनीति को अंतिम रूप देने के अलावा पार्टी, सरकार की “विफलताओं” और “अधूरे वादों” को लेकर मोदी और भाजपा से जवाब मांगेगी।
राहुल गांधी, सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता सुशासन, कृषि एवं आर्थिक संकट, बेरोजगारी एवं रोजगार सृजन का अभाव, राष्ट्रीय सुरक्षा एवं महिला सुरक्षा के मुद्दों पर प्रधानमंत्री मोदी एवं उनकी सरकार को घेरने के तरीकों पर चर्चा करेंगे। पार्टी इस बात पर कायम है कि आम चुनावों के लिए राष्ट्रीय विमर्श को वर्तमान शासन के “प्रचार” हथकंडों की बजाए वास्तविक मुद्दों एवं लोगों के सामने आ रही समस्याओं की तरफ मोड़ना होगा। पार्टी, कार्यसमिति की बैठक संपन्न होने के बाद इन सभी मुद्दों पर एक बयान जारी करेगी। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि पार्टी को प्रधानमंत्री से पांच साल पहले किए गए वादों पर और उनके शासन के ट्रैक रिकॉर्ड पर जवाब मांगने की जरूरत है।
चुनाव प्रचार में प्रभावी तरीके से लोगों को यह बताया जाएगा कि पीएम नरेंद्र मोदी के फैसले से अर्थव्यवस्था किस तरह का नुकसान पहुंचा। इस प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए सीडब्ल्यूसी के समक्ष रखा जाएगा। इसके अलावा जीएसटी, किसानों की दयनीय स्थिति और बेरोजगारी जैसे मुद्दे भी सीडब्ल्यूसी बैठक के मुख्य एजेंडे में शामिल हैं।