‘बेहद खराब श्रेणी’ में ही है दिल्ली की हवा, रिकार्ड किया गया आज का वायु गुणवत्ता सूचकांक-319
नई दिल्ली। देश के लगभग सभी छोटे-बड़े शहरों में वायु प्रदूषण की स्थिति हर दिन ही गंभीर रूप ले रही है। इस क्रम में शनिवार को वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली सिस्टम ऑफ एयर कुवालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च, एसऐएफऐआर (वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान की प्रणाली) के मुताबिक दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक एयर क़्वालिटी इंडेक्स ऐक्यूआई) 319 रिकार्ड किया गया जो बेहद खराब श्रेणी का संकेत है।
#Delhi | #AirQualityIndex (AQI) is presently at 319 (overall) in the ‘very poor’ category, as per System of Air Quality and Weather Forecasting And Research (#SAFAR)-#India #TheRealTalk (ANI) pic.twitter.com/jiHckoqCCO
— Tʜᴇ Rᴇᴀʟ Tᴀʟᴋ (@Therealtalk_in) December 18, 2021
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीक्यूएम) ने शुक्रवार शाम जारी एक अन्य आदेश के तहत दिल्ली में राष्ट्रीय महत्व के प्रोजेक्ट, राष्ट्रीय सुरक्षा व डिफेंस परियोजना, रेलवे व मेट्रो परियोजना, राष्ट्रीय राजपथ परियोजना, एयरपोर्ट व बस टर्मिनल परियोजना, अस्पताल व स्वास्थ्य परियोजना एवं सफाई संबंधी निर्माण परियोजना को शुरू करने की अनुमति दे दी है। सीक्यूएम द्वारा जारी नए आदेश में सभी निर्माण कार्यों को तत्काल प्रभाव से अनुमति दे दी गई है। हालांकि इन परियोजनाओं में निर्माण संबंधी छूट देने के बाद परियोजना स्थल पर धूल से बचाव की व्यवस्था करने को कहा भी गया है। सीक्यूएम ने कहा है कि वायु प्रदूषण रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। अन्य निर्माण गतिविधियों के संबंध में बारी-बारी से निर्णय लिया जा सकेगा। निर्माण कार्य में धूल उड़ने से प्रदूषण स्तर बढ़ जाता है, अत: उक्त परियोजनाओं के अलावा शेष सभी निर्माण गतिविधियां अगले आदेश तक बंद रहेंगी।
वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने वायु प्रदूषण को लेकर राज्यों के रवैये पर गहरी नाखुशी जताई और पूरी व्यवस्था को प्रदर्शन आधारित बनाने के निर्देश दिए। इसके तहत बेहतर काम करने वाले राज्यों या फिर शहरों को ज्यादा राशि मुहैया कराई जाएगी। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री ने नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत राज्यों को दी जाने वाली वित्तीय मदद के पैटर्न में नए वित्तीय वर्ष से बदलाव की बात कही है। प्रोग्राम की समीक्षा को लेकर गठित उच्चस्तरीय कमेटी की बैठक में केंद्रीय मंत्री ने राज्यों के इस रवैये पर चिंता जताई और कहा कि वायु प्रदूषण की समस्या बहुत गंभीर है, लेकिन पैसा मिलने के बाद भी राज्य राशि का समय पर इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं।
नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत देश के दस लाख से अधिक आबादी वाले और वायु प्रदूषण के लिहाज से गंभीर 132 शहरों में वायु गुणवत्ता को दुरुस्त करने की मुहिम शुरू की गई है। इसके तहत राज्यों को सात सौ करोड़ रुपए दिए गए थे। साथ ही वायु प्रदूषण से गंभीर रूप से घिरे 42 प्रमुख शहरों को पिछले वित्तीय वर्ष में 44 सौ करोड़ रुपये दिए गए थे। प्रोग्राम के तहत वर्ष 2024 तक वायु प्रदूषण में 20 से 25 प्रतिशत की कमी लाने का लक्ष्य है।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत पहली बार दिल्ली को वायु प्रदूषण में सुधार करने के लिए 11 करोड़ रुपये की राशि जारी की है। राष्ट्रीय स्तर के इस अभियान के तहत 2024 तक पीएम 2.5 और पीएम 10 के स्तर में 20 से 30 प्रतिशत की कमी की जानी है। 2017 को तुलना के लिए आधार वर्ष के रूप में रखा गया है। दिल्ली को एनसीएपी के तहत 18.74 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। 2019 में शुरू होने के बाद से यह पहली बार है, जब इस कार्यक्रम के तहत धन प्राप्त हुआ है।