बिहार : कोर्ट में पिता थे चपरासी, अब जज बनकर फैसले सुनाएगी बेटी
पटना | कौन कहता है आसमान में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो, किसी शायर की इन्ही पंक्तियों को हकीकत किया है पटना के विवेक विहार मैन रोड हनुमान नगर कंकरबाग निवासी अर्चना कुमारी ने | हाल ही में बिहार न्यायिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा में अर्चना कुमारी का चयन हुआ है | साधारण से परिवार में जन्मी अर्चना के पिता सोनपुर सिविल कोर्ट जिला छापा में चपरासी के पद पर थे | पिता की दुर्घटना में आक्समिक मृत्यु के बाद परिवार की जिम्मेदारी अर्चना पर आ गई | उन्होंने पढ़ाई भी की और परिवार भी चलाया |
पटना में राजीव रंजन से विवाह के बाद उन्होंने पुणे यूनिवर्सिटी एलएलबी और बीएमटी लॉ कालेज से एलएलएम किया | अपने दुसरे प्रयास में उन्होंने बिहार न्यायिक सेवा में सफलता प्राप्त की है | अर्चना कहती हैं कि जज बनने का सपना तब देखा था जब वह सोनपुर जज कोठी में एक छोटे से कमरे में परिवार के साथ रहती थीं | उन्होंने बताया कि छोटे से कमरे से उन्होंने जज बनने का सपना देखा जो आज पूरा हुआ है | उन्होंने कहा कि पिता की मृत्यु के बाद बाउट कष्ट झेले लेकिन मैंने सपना पूरा करने के प्रयास नहीं छोड़े | उन्होंने कहा कि शादी के बाद लॉ किया, एलएलएम किया और दिल्ली में ज्यूडिशरी की तैयारी छात्रों को कराई |
उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि पिता की मृत्यु के बाद मां ने हर मोड़ पर साथ दिया, पति ने सहयोग किया और भाई-बहन ने ऊर्जा दी जो मेरे लिए हौसला बनी | उन्होंने कहा कि नारी जो ठान ले वह कर सकती है | उन्होंने कहा कि कठिनाइयां हर सफर में आती हैं लेकिन हौसला नहीं छोड़ना चाहिए |