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March 28, 2024
उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय

सपा में भर्ती घोटाला : अब योगी सरकार कराएगी सीबीआई जांच, अखिलेश ने आवाज़ उठाने पर इस नेता को पार्टी से निकाला था

  • July 20, 2017
  • 1 min read
सपा में भर्ती घोटाला : अब योगी सरकार कराएगी सीबीआई जांच, अखिलेश ने आवाज़ उठाने पर इस नेता को पार्टी से निकाला था
राशिद अकेला/गोरखपुर | गोरखपुर के देवेन्द्र प्रताप ने आखिरकार जिस मागं को लेकर सपा में रहते हुए लडाई लडी,  अखिलेश यादव की सरकार और अपने ही पार्टी के खिलाफ आंदोलन तक किया , लेकिन तत्कालीन सपा सरकार ने उसपर ध्यान देने की बजाय पार्टी से ही निकाल दिया | अब गोरखपुर के उस नेता का संघर्ष रंग ला रहा है | कभी सपा में संघर्षशील नेता रहे देवेन्द्र  प्रताप अब भाजपा से एमएलसी हैं | योगी सरकार ने जिन भर्तियों की सीबीआई जांच का एलान किया है , उसके लिए देवेन्द्र प्रताप लम्बे समय से आवाज़ उठा रहे हैं |
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की 2012 से हुई सभी भर्तियों की सीबीआई जांच कराने का एलान किया है। इस एलान से पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार के कार्यकाल में आयोग में हुई सभी भर्तियां जांच के दायरे में आ गई हैं। सीएम ने कहा-प्रदेश के नौजवानों के साथ अन्याय करने वाले इस जांच के कठघरे में आएंगे। उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
सीएम योगी ने विधानसभा में 2017-18 के आम बजट पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए बुधवार को यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में ऐसी कोई नियुक्ति शायद ही हुई हो जिस पर अंगुली न उठी हो। राज्य लोक सेवा आयोग की विश्वसनीयता को दांव पर लगा दिया गया।
हमारी सरकार ने 2012 से अब तक की सभी भर्तियों की सीबीआई जांच कराने का फैसला कर लिया है। हरियाणा के शिक्षक भर्ती घोटाले का जिक्र करते हुए कहा- वहां एक नेता पिछले दस साल से जेल में हैं। ऐसी स्थिति यूपी में भी आ सकती है। गौरतलब है कि सीबीआई जांच की मांग को लेकर प्रतियोगी छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में 700 से ज्यादा याचिकाएं दाखिल की।
25 हजार से अधिक पद कार्यवाही की जद में – 
अप्रैल 2013 में अध्यक्ष बनाए जाने के बाद डॉ. अनिल यादव ने नियमों की मनमाने तरीके से व्याख्या करके सीधी भर्ती सहित अन्य पदों को भरने का काम किया। इसमें सीधी भर्ती के सात हजार पदों जिसमें डॉक्टर, इंजीनियर और प्रोफेसरों की नियुक्तियां शामिल हैं। इसके साथ 2012 से अब तक हुईं भर्तियों की सीबीआई जांच के दायरे में नौ से अधिक भर्तियां और 25 हजार से अधिक पद होंगे। इनमें सिर्फ पीसीएस के ही करीब तीन हजार और पीसीएस-जे के एक हजार पद शामिल हैं।
दरअसल अखिलेश यादव की सरकार में हुए जिस बहुचर्चित पीसीएस भर्ती घोटाले की सीबीआई जाँच की घोषणा  मुख्यमंत्री योगी ने की है उसकी आवाज़ देवेन्द्र प्रताप लम्बे समय से उठा रहे हैं | गोरखपुर के भाजपा नेता इसे  प्रतियोगी छात्रों द्वारा लम्बे समय से लड़ी जा रही लड़ाई का  ऐतिहासिक क्षण मान रहे हैं । उनका मानना है कि योग्य नौजवानों का भविष्य अंधकारमय बनाने वाले भर्ती घोटालेबाजों को उनके असल अंजाम (जेल) तक पहुंचाने की राह मे निर्णायक बढ़त हासिल हुई है। मुख्यमंत्री जी के इस फैसले का दूरगामी असर होगा। नौजवानों के भविष्य से खेलने वाले भ्रष्ट नेताओं-अफसरों के गठजोड़ का हौसला पस्त होगा और आगे से भ्रष्टाचार करते हुए उनकी रूह कांपेगी। जिन छात्रों-नौजवानों ने बिना थके हारे, पुलिस की लाठी खाते हुए यह लड़ाई लड़ी, असल मायने मे यह उनकी, उनके संघर्ष की, उनके जज्बे को जीत दिलाने का काम किया |
अब देखना यह  है कि सीबीआई जांच में कौन कौन कार्यवाही की जद में आता है ?