गुजरात के शहीद बेटों के परिवार और पूर्व सैनिकों ने सीधे अखिलेश यादव को जवाब दिया है। बताते चलें कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा गुजरात के जवानों की शहादत पर दिए बयान के खिलाफ लोग तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। अखिलेश ने बुधवार को कहा था कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दक्षिण भारत और देश के दूसरे हिस्से के जवानों ने शहादत दी है। कोई मुझे बता सकता है कि गुजरात का कोई जवान देश की रक्षा के लिए शहीद हुआ हो?
अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा था कि गुजरात के किसी जवान ने आज तक शहादत नहीं दी है। ”अहमदाबाद मिरर” ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले ऐसे ही गुजराती परिवारों से मिलकर उनकी कहानी जानी। यूपी के सीएम के बेतुके बयान पर आहत परिवार के सदस्यों ने अपनी प्रतिक्रिया भी दी। 1999 के करगिल युद्ध में शहीद हुए मुकेश राठौड़ की पत्नी राजश्री का कहना है, ‘अखिलेश का बयान हमारे लिए दिल तोड़ने वाला है। हमने जब से इस बयान के बारे में सुना है तब से इस बारे में बात कर रहे हैं। शहीद किसी एक राज्य के नहीं पूरे भारत देश के होते हैं। किसी जवान को खोना किसी एक राज्य विशेष की नहीं पूरे देश की क्षति होती है।’ राजश्री ने जब अपने पति को खोया था उस वक्त वह 5 महीने की गर्भवती थीं। आज उनका बेटा मृगेश 17 साल का है।
आंखों से झरते आंसुओं के बीच शहीद मुकेश की मां सामजुबेन राठौड़ कहती हैं, ‘जिसने अपना बेटा, पति या पिता खोया हो सिर्फ वही हमारे दर्द को समझ सकता है। मेरा बेटा गुजरात के उन 13 जवानों में से था जिन्होंने करगिल युद्ध में देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान किया था। हमारा दुख और किसी अपने को हमेशा के लिए खो देने के अहसास की तुलना अखिलेश जैसे नेता के बयानों से नहीं की जा सकती है।’
1987 में सियाचिन ग्लैशियर से पाकिस्तानी सेना को खदेड़ने में शहीद हुए नीलेश सोनी के 65 साल के भाई जगदीश सोनी ने भी इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए यह देखना बहुत दुखद है कि शहीदों को भी राज्यों में बांटकर देखा जा रहा है। मुझे ऐसा लगता है कि अखिलेश यादव को गुजरात के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं है इसलिए उन्होंने ऐसा बेतुका बयान दिया है।’ पलडी में राज्य सरकार की तरफ से मिले धन से कैप्टन नीलेश सोनी की स्मृति में एक स्मारक भी बनाया गया है।
शहीद मेजर ऋषिकेश रमानी कुपवाड़ा में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए थे। उनकी मां गीता रमानी कहती हैं, ‘मैंने ऋषिकेश को जन्म दिया था लेकिन भारत माता ने उसकी परवरिश की। मां अपने बच्चों के बीच राज्य, जाति, धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करती हैं। अखिलेश ने राजनीतिक कारणों से कह दिया कि गुजरात से कोई शहीद नहीं हुआ है। मैं उन्हें 10 ऐसे गुजरात के जवानों के नाम बता सकती हूं जो देश के लिए शहीद हुए हैं। इन परिवारों ने अपना बेटा, भाई, दोस्त, पति खोया है। अखिलेश जी को ऐसा बयान देने से पहले कम से कम एक बार आंकड़े तो चेक कर लेने चाहिए थे।’
इसी साल जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए लांस नायक गोपाल सिंह भदौरिया के पिता मुनीम सिंह ने कहा, ‘अखिलेश को उत्तर प्रदेश की सत्ता से बेदखल कर दिया गया है। ऐसा लग रहा है कि वह अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं। वह अपने भड़काने वाले बयानों के जरिए देश को बांटना चाहते हैं।’ नाराज मुनीम सिंह ने तो यहां तक कह दिया कि एक आदमी जो अपने पिता का नहीं हो सका, वह देश का बेटा क्या होगा? उन्होंने कहा, ‘उत्तर प्रदेश में उन्होंने हिंदू और मुस्लिमों को बांटा। ऐसे ही ठाकुरों, ब्राह्मणों और राजपूतों को बांटा। इसी बांटने वाली राजनीति के कारण उन्हें सत्ता से बेदखल किया गया। उन्होंने पूर्व में गुजरात के गधे के बारे में बात की थी और आज साबित कर दिया है कि उनके पास एक गधे के बराबर भी दिमाग नहीं है।’
पूर्व सैनिकों ने भी अखिलेश के बयान पर जताई आपत्ति
कैप्टन अल्प देसाई फौज से 2007 में रिटायर हुए हैं। उनका कहना है कि सेना में गुजरात के लोगों का कम प्रतिनिधित्व है। उन्होंने कहा, ‘अपनी सर्विस के दौरान मुझे इस बारे में जानकारी मिली थी कि सेना में गुजरात के जवानों का अपेक्षाकृत कम प्रतिनिधित्व है। जो अखिलेश यादव ने कहा वह इस मुद्दे को देखने का बहुत निम्न स्तर है। सेना में गुजरात के कम प्रतिनिधित्व का कारण गुजरात का माइंडसेट है। गुजरात मे राजस्थान, जम्मू-कश्मीर या पंजाब की तरह युद्ध की विभीषिका नहीं देखी है। अखिलेश यादव ने जो कहा वह न सिर्फ गलत है बल्कि बहुत छिछला भी है।’ एयरफोर्स से बतौर नॉन कमिशंड ऑफिसर के तौर पर सेवानिवृत होने वाले नरेंद्र देसाई कहते हैं, ‘अखिलेश यादव ने जो कहा वह बेवकूफी की हद है। शहीद सिर्फ शहीद होता है भले ही वह यूपी, बिहार या कहीं और का हो। यह बहुत घृणित बयान है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता चाहे यह कोई आम आदमी कहे या फिर कोई पूर्व सीएम।’
अखिलेश यादव क्या आप जानते हैं?
1 विजयवाड़ा के नजदीक सबरकांता जिले के कोडियावाड़ा में 6500 की जनसंख्या में 1,200 से अधिक लोग भारतीय सेना के लिए अपनी सेवाएं दे रहे हैं। 700 परिवार वाले इस गांव में हर परिवार से एक से अधिक सदस्य सेना में है।
2 गुजरात में मार्च 31 तक 26,656 पूर्व सर्विसमैन थे और 3,517 शहीदों की विधवाएं। इनमें से 6,223 तो सिर्फ अहमदाबाद से ही थे। गुजरात के 39 बेटों को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। गुजरात के 20 बेटों ने आंतकियों से लोहा लेते हुए अपनी जान गंवाई और 24 बेटों ने देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए प्राणों का बलिदान किया।
-एजेंसी