होली पर इन राशियों की चमकेंगी किस्मत, जानिए आपकी कैसी रहेगी यह होली
ज्योतिष के नजरिए से इस साल होली पर एक विशेष योग बन रहा है। इस बार की होली पर शनि धनु राशि में रहेगा। इस साल गुरुवार 1 मार्च 2018 की रात होलिका दहन होगा और अगले दिन यानी शुक्रवार 2 मार्च को होली खेली जाएगी। इससे पहले 1990 में योग बना था। 28 वर्षों के बाद शनि देवगुरु बृहस्पति की राशि में है। होली पर पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र रहेगा इसका स्वामी शुक्र है। इस नक्षत्र में जब चंद्रमा सिंह राशि में होता है तब ये पर्व मनाया जाता है।
मेष- भावनात्मक और आर्थिक सुरक्षा जरूरत महसूस होगी। सोच में बड़े बदलाव आ सकते हैं। आस-पास का वातावरण अच्छा रहेगा। लक्ष्य पर ध्यान देने से लाभ होगा। चंद्र का गोचर पंचम रहेगा जिससे आपके जीवन में खुशियों बढ़ेंगी। यात्रा का योग बनेगा।
क्या करें- गणेशजी को मिश्री का भोग लगाएं।
वृषभ- चतुर्थ चंद्र और मंगल की दृष्टि से आर्थिक लाभ का होने के योग बन रहे हैं। परिवार से खुशियों का आगमन होगा। घर से कहीं दूर जाना पड़ सकता है। अचानक किसी बड़े काम में सफलता मिल सकती है। जमीन संबंधी मामलों में पक्ष मजबूत होगा।
क्या करें-दुर्गाजी के सामने घी का दीपक जलाएं।
मिथुन- आपकी राशि का स्वामी बुध नवम और चंद्रमा तृतीय रहेगा। प्रसन्नता बढ़ेगी। धन प्राप्ति का योग बनेगा। कार्य स्थल पर सफलता मिलेगी। इस राशि के सभी मित्र ग्रह अच्छी स्थिति में होने से समय अच्छा रहेगा। लक्ष्य साधने में सफलता मिलेगी। पुरानी संपत्ति के मामले भी हल होंगे।
क्या करें- शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं।
कर्क- आपकी राशि से चंद्रमा दूसरे भाव में रहेगा। समय पहले से अच्छा रहेगा। स्वयं पर ध्यान देना होगा। संबंधों का लाभ नहीं मिल पाएगा। इस माह के अंत से कुछ राहत महसूस होगी। आवक में वृद्धि होगी और स्वयं पर भरोसा बढ़ेगा। संतान से सुख प्राप्त होगा।
क्या करें-हनुमानजी के सामने घी का दीपक जलाएं और लाल फूल चढ़ाएं।
सिंह- इर राशि में चंद्रमा का गोचर और राशि स्वामी सूर्य की दृष्टि है। मन के अनुसार काम नहीं कर पाएंगे और खर्चे भी ज्यादा हो सकते हैं। बुद्धि कौशल श्रेष्ठ रहेगा लेकिन काम का क्रेडिट प्राप्त नहीं होगा। घरवाले भी परेशान कर सकते हैं। पंचमी के बाद में चंद्र का गोचर बदलेगा जिससे लाभ मिल सकते हैं
क्या करें-गणेशजी को दूर्वा अर्पित करनी चाहिए।
कन्या- यह समय संभलकर रहने का है। राशि स्वामी बुध है और अभी मित्र राशि में होने से लाभ के आसार बन सकते हैं। परिवार से सहयोग मिलेगा। यात्रा का योग भी है। परिश्रम ज्यादा करना पड़ सकता है। धार्मिक कार्यों में शामिल होने के योग बन सकते हैं।
क्या करें- शिव-पार्वती की पूजा करें।
तुला- गुरु की वजह से स्थिति में सुधार होगा। चिंताएं बनी रहेंगी लेकिन हिम्मत भी बनी हुई रहेगी। चंद्र का गोचर भी अनुकूलता प्रदान करेगा। सहयोग की प्राप्ति होगी एवं संपत्ति से लाभ होगा। माह अंत में चंद्रमा के विपरीत होने से चिंताएं बढ़ सकती हैं। महत्वपूर्ण काम उसके पूर्व कर लें।
क्या करें-108 बार ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें।
वृश्चिक- दशम चंद्रमा की वजह से समय नकारात्मक हो सकता है। चिंताएं अधिक रहेंगी और व्यय भी बढ़ सकता है। रंगपंचमी से भाग्य का साथ मिल सकता है। इसके बाद बाधाएं समाप्त होंगी और विरोधियों को पराजित करने में सफल हो सकते हैं। धन की आवक भी अच्छी बनेंगी और निराशा समाप्त होगी।
क्या करें-गाय का हरा चारा खिलाएं।
धनु- नवम चंद्र रहेगा और मित्र शनि का गोचर हो रहा है। काम की अधिकता रहेगी एवं आय भी बनी रहेगी। काम समय पर पूरे होंगे और सहयोग भी प्राप्त होगा। माह के बीच में कुछ परेशानियां आ सकती हैं लेकिन फिर सब ठीक हो जाएगा। पड़ोसियों से विवाद का हल होगा।
क्या करें-हनुमानजी को सिंदूर एवं तेल अर्पण करें।
मकर- समय पूर्णत: पक्ष का नहीं है। राशि के मित्र केतु का गोचर होने से कुछ बाधाएं हो सकती हैं। चंद्रमा की वजह से नकारात्मक फल मिल सकते हैं। होली पर चंद्र के अष्टम होने से व्यय की अधिकता हो सकती है और चिंताएं बढ़ सकती हैं। संतान पक्ष कमजोर होगा। योजनाएं विफल हो सकती हैं।
क्या करें-रोज श्रीराम दरबार का दर्शन करें इसके बाद की शुरुआत करें।
कुंभ- सूर्य बुध और शुक्र का गोचर है। साथ ही चंद्रमा की दृष्टि भी रहेगी। इससे परेशानियां दूर होंगी। किसी मांगलिक कार्य पर खर्च करना पड़ सकता है। आय भी अच्छी बनी रहेगी। यात्राएं ज्यादा होंगी एवं संतान सुख मिलेगा। माहांत में कुछ परेशानियां आ सकती है।
क्या करें-शनिवार को पीपल के पास घी का दीपक जलाएं।
मीन- होली पर आपकी राशि के लिए चंद्रमा षष्ठम रहेगा। ऊर्जा अधिक रहेगी। गुस्सा जल्दी आ सकता है। ज्यादा एक्टिव रहेंगे। धैर्य की कमी भी रहेगी। जल्दबाजी में कुछ गलत फैसले ले सकते हैं। तीव्र प्रतिक्रिया देने से नुकसान हो सकता है। उन लोगों से मुलाकात हो सकती है जो आपकी परेशानियां कम करने की कोशिश करेंगे।
क्या करें- शिव चालीसा का पाठ करें।