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रूस में मजदूर व किसानों के नेता लेनिन को लेकर क्या सोचते थे भगत सिंह ?

  • September 11, 2018
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रूस में मजदूर व किसानों के नेता लेनिन को लेकर क्या सोचते थे भगत सिंह ?

दिल्ली| ये विडंबना ही है कि लेनिन की प्रतिमा गिराने का जश्न बीजेपी मना रही है और मोदी लेनिन से प्रभावित रहे भगत सिंह का ज़िक्र आए दिन करते रहते हैं. आइए आपको बताते हैं कि लेनिन को भगत सिंह कितना मानते थे.
इसका एक ज़िक्र कुलदीप नैय्यर की किताब ‘द मार्टिर: भगत सिंह-एक्सपेरीमेंट्स इन रेवोल्यूशन’ में मिलता है.
किताब के मुताबिक, ”21 जनवरी , 1930 को अभियुक्त अदालत में लाल स्कार्व पहनकर पहुंचे. जैसे ही मेजिस्ट्रेट कुर्सी पर बैठे, उन्होंने ‘लेनिन ज़िदाबाद’ के नारे लगाने शुरू कर दिए. इसके बाद भगत सिंह ने एक टेलिग्राम पढ़ा जिसे वो लेनिन को भेजना चाहते थे. टेलिग्राम में लिखा था, ”लेनिन दिवस पर हम उन सभी लोगों को दिली अभिभादन भेजते हैं जो महान लेनिन के विचारों को आगे बढ़ा रहे हैं. हम रूस में चल रहे महान प्रयोग की कामयाबी की कामना करते हैं.”
भगत सिंह को फांसी दिए जाने से दो घंटे पहले उनके वकील प्राण नाथ मेहता उनसे मिलने पहुंचे. मेहता ने बाद में लिखा कि भगत सिंह अपनी छोटी सी कोठरी में पिंजड़े में बंद शेर की तरह चक्कर लगा रहे थे.
उन्होंने मुस्करा कर मेहता को स्वागत किया और पूछा कि आप मेरी किताब ‘रिवॉल्युशनरी लेनिन’ लाए या नहीं? जब मेहता ने उन्हें किताब दी तो वो उसे उसी समय पढ़ने लगे मानो उनके पास अब ज़्यादा समय न बचा हो.
पत्रकार ऑनिनदयो चक्रवर्ती ने ट्वीट किया, ”बीजेपी भगत सिंह का सम्मान करती है. लेकिन भगत सिंह लेनिन का सम्मान करते थे.”