आईपीएस अफसरों ने करकरे पर साध्वी प्रज्ञा के बयान की निंदा की
मुम्बई | सेवारत और पूर्व आईपीएस अधिकारियों के संघ ने भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के महाराष्ट्र एटीएस के तत्कालीन प्रमुख हेमंत करकरे पर दिये बयान की शुक्रवार को निंदा की। भारतीय पुलिस सेवा (मध्य) संघ ने अपने आधिकारिक हैंडल ‘आईपीएस संघ’ से ट्वीट किया, “करकरे ने “सर्वोच्च बलिदान” दिया। संघ ने कहा, “अशोक चक्र से सम्मानित आईपीएस श्री हेमंत करकरे ने आतंकवादियों से लड़ते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। हम एक उम्मीदवार द्वारा दिये गए अपनामजनक बयान की निंदा करते हैं और यह मांग करते हैं कि हमारे सभी शहीदों के बलिदान का सम्मान किया जाएगा।
”सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारियों के संघ के चेयरमैन जूलियो रिबेरो ने ठाकुर के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। रिबेरो ने पीटीआई-भाषा से कहा, “करकरे सबसे बेहतरीन आईपीएस अधिकारियों में से एक थे जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान महाराष्ट्र में लगभग हर जगह काम किया और उनके खिलाफ एक भी शिकायत नहीं थी। उन्होंने कभी कुछ गलत नहीं किया।” उन्होंने कहा,”करकरे के साथ काम कर चुके अधिकारी जब प्रज्ञा की टिप्पणी से रूबरू होंगे, तो सोचेंगे कि कैसे कैसे लोगों को (उम्मीदवार के तौर पर) उतारा जा रहा है।” करकरे, अशोक कामटे और विजय सालस्कर 2008 के मुम्बई आतंकी हमले में शहीद हो गए थे।
इससे पहले महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते ने सितंबर 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले की जांच की थी और साध्वी प्रज्ञा तथा अन्य को गिरफ्तार किया था। साध्वी को जमानत मिल गई थी लेकिन वह अब भी विस्फोट के लिये मुकदमे का सामना कर रही हैं जिसमें छह लोगों की मौत हुई थी।
भोपाल में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया था कि जांच के दौरान करकरे ने उन्हें यातना दी थी। साध्वी भोपाल से ही लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं। उन्होंने कहा, “मैंने कहा तेरा सर्वनाश होगा। ठीक सवा महीने में सूतक लगता है। जब किसी के यहां मृत्यु होती है या जन्म होता है। जिस दिन मैं गई थी, उस दिन सूतक लग गया था। ठीक सवा महीने में जिस दिन उसको आतंकवादियों ने मारा उस दिन सूतक का अंत हो गया।’’