प्रदर्शनकारी छात्रों से मिलीं जामिया कुलपति, बोलीं- ‘पुलिस केस दर्ज नहीं कर रही, जाएंगे कोर्ट’
नई दिल्ली | जामिया कैंपस के भीतर स्थित लाइब्रेरी में 15 दिसंबर 2019 को पुलिस के द्वारा की गई बर्बरता पर एफआईआर दर्ज न होने के खिलाफ आज विश्वविद्यालय के छात्रों ने वीसी दफ्तर का घेराव कर प्रदर्शन किया। छात्रों के प्रदर्शन के कुछ घंटों बाद वीसी नजमा अख्तर उनसे मिलने पहुंची।
छात्रों की मांग है कि जिन पुलिसकर्मियों ने छात्रों के साथ बर्बरता की उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो। वह वीसी से भी इसी बात की मांग कर रहे थे कि विश्वविद्यालय एफआईआर क्यों नहीं दर्ज करा रहा। इस पर वीसी ने छात्रों से मुलाकात की और बताया कि हम एफआईआर दर्ज कराने गए थे लेकिन पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं कर रही। वीसी ने कहा कि जरूरत पड़ी तो हम कोर्ट जाएंगे। उन्होंने बताया कि पुलिस बिना इजाजत कैंपस में घुसी। इसके साथ ही वीसी ने कहा कि परीक्षा के सभी शिड्यूल रद्द किए जाते हैं और अब आप अपने डीन से बात करके जो तारीख चाहिए हो वो तय कर लें।
वीसी ने लगातार छात्रों के सवालों के जवाब दिए। जब एक छात्र ने उनसे पूछा कि उनकी सीएए और एनआरसी पर क्या राय है तो उन्होंने कहा कि सिर्फ पढ़ाई से संबंधित सवाल पूछिए। इस बीच छात्रों ने प्रॉक्टर पर भी कई गंभीर आरोप लगाए। छात्रों का आरोप है कि प्रॉक्टर उन्हें पैसे लेकर प्रदर्शन करने वाला कहते हैं। सिर्फ यही नहीं छात्रों ने प्रॉक्टर पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
वीसी की बात सुनकर छात्रों ने कहा कि अगर पुलिस के खिलाफ एफआईआर दर्ज होती है तो वह कक्षाओं में जाएंगे वरना नहीं जाएंगे। वीसी ने अंत में भी जब पुलिस पर एफआईआर के विषय में यही कहा कि यह अदालत का काम है, हम इसमें क्या कर ससकते हैं तो छात्र एफआईआर-एफआईआर के नारे लगाने लगे।
छात्रों ने वीसी के सामने अपनी मांग रखी-
-जल्द परीक्षा रोकें
-पुलिस के खिलाफ जल्द एफआईआर दर्ज कराएं
-हमें सुरक्षा दें, प्रॉक्टर साहब नहीं देंगे।