सीएम महबूबा ने की घायल सैनिकों से मुलाकात, आर्मी कैंप पर आतंकी हमले में 5 जवान शहीद
जम्मू । हमले में सूबेदार मदनलाल चौधरी हवलदार हबीबुल्ला कुरैशी एक नॉन-कमीशंड अफसर और 2 अन्य जवान शहीद हो गए। एक सिविलियन की भी मौत हुई है। 31 घंटे बाद भी ऑपरेशन जारी है। जम्मू के सुंजवां स्थित आर्मी कैम्प पर शनिवार तड़के जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने हमला किया। सिक्युरिटी फोर्स ने 4 आतंकियों को ढेर कर दिया। इस बीच रविवार को आर्मी चीफ बिपिन रावत ने जम्मू में सीनियर कमांडरों से मुलाकात की।
ऑपरेशन के लिए ऊधमपुर और उत्तर प्रदेश के सरसावा से एयरफोर्स के कमांडो बुलाए गए थे। पूरे शहर में रेड अलर्ट है। देर शाम सीएम महबूबा मुफ्ती ने जख्मी सैनिकों से मुलाकात की। सुंजवां कैम्प पर 15 साल पहले 2003 में भी फिदायीन हमले में 12 सैनिक शहीद हुए थे। वर्दी में दाखिल हुए थे आतंकी सेना की वर्दी में आए तीन से चार आतंकी अंधाधुंध फायरिंग करते और हथगोले फेंकते हुए जूनियर कमीशंड ऑफिसर्स के फैमिली क्वार्टरों में घुस गए। कैंप में 700 से ज्यादा लोग रहते हैं। तड़के 4.55 बजे हमले के वक्त ज्यादातर लोग सो रहे थे। बिल्डिंग में आतंकी घुसने से बंधक संकट की स्थिति बन गई। पैरा कमांडो स्पेशल ऑपरेशन्स ग्रुप गरूड़ कमांडो और स्नाइपर्स ने देर रात तक 150 क्वार्टरों से लोगों को सुरक्षित निकाल लिया था। कार्रवाई में ध्यान रखा जा रहा है कि कोई सिविलियन न मारा जाए। एक-एक कमरे की तलाशी ली जा रही है। आतंकी रात के अंधेरे में भागने न पाएं इसके लिए जेनरेटर और फ्लड लाइट लगाई गई हैं। कर्नल रैंक के सीओ मेजर और एक सूबेदार की बेटी सहित नौ लोग जख्मी हैं। मेजर सहित दो लोगों की हालत गंभीर है।
नाले के पास टूटी हुई दीवार से घुसे आतंकी
कैंप के पास से गुजर रहे नाले से लगती दीवार टूटी हुई है। वहां लोहे की चद्दरें लगी हैं। आतंकी हथगोले फेंकते हुए यहीं से घुसे। संतरी जवाबी कार्रवाई कर पाते उससे पहले ही क्वार्टरों की ओर बढ़ गए। आतंकियों की संख्या और उनके छिपने का ठिकाना साफ नहीं था।