जानिये , कैसे अधिक समय तक फसल रह सकती हैं सुरक्षित
नई दिल्ली | इस समय किसानों ने सरसो, चना, अलसी, गेहूं की कटाई शुरू कर दी है, फसलों की कटाई के बाद कुछ समय के लिए उनका भंडारण करना होता है। यह समय कटाई से अगली बुवाई तक या कटाई से बेचने तक होता है। भंडारण की सही जानकारी न होने के कारण 20-25 प्रतिशत तक अनाज नमी, दीमक, घुन, चूहों द्वारा नष्ट हो जाता है। इसलिए अनाज को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए इन विधियों को अपना सकते है। केन्द्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र, लखनऊ के डॉ. राजीव कुमार बताते हैं, “भण्डारण की सही जानकारी न होने से 10 से 15 फीसदी तक अनाज नमी, दीमक, घुन, बैक्टीरिया द्वारा नष्ट हो जाता है। अनाज को रखने के लिए गोदाम की सफाई कर दीमक और पुराने अवशेष आदि को बाहर निकालकर जलाकर नष्ट कर दे। दीवारों, फर्श एवं जमीन आदि में यदि दरार हो तो उन्हे सीमेंट, ईंट से बंद करे दें। टूटी दीवारों आदि की मरम्मत करा दें। भण्डारण में होने वाली इस क्षति को रोकने के लिए किसान सुझावों को ध्यान में रखकर अनाज को भण्डारित कर सकते हैं।
वह आगे बताते हैं, “अनाजों को अच्छी तरह से साफ-सुथरा कर धूप में सुखा लेना चाहिए, जिससे कि दानों में 10 फीसदी से अधिक नमी न रहने पाए। अनाज में ज्यादा नमी रहने से फफूंद एवं कीटों का आक्रमण अधिक होता है। अनाज को सुखाने के बाद दांत से तोड़ने पर कट की आवाज करें तो समझना चाहिए कि अनाज भण्डारण के लायक सूख गया है। डॉ. उमेश बताते हैं, “भण्डारण के लिए वैसे भण्डार गृह का चयन करना चाहिए, जहां सीलन (नमी) न हो एवं चूहों से अन्न का बचाव किया जा सके। भण्डार-गृह हवादार हो एवं जरूरत पड़ने पर वायुरूद्ध भी किया जा सके। भण्डार से पूर्व पक्का भण्डार गृह एवं धातु की कोठियों को साफ-सुथरा कर लेना चाहिए एवं कीटमुक्त करने के लिए मेलाथियान 50 फीसदी का पानी में 1:100 में बने घोल को दीवारों एवं फर्श पर प्रति एक सौ वर्ग मीटर में तीन लेयर घोल की दर से छिड़काव करना चाहिए।
बोरियों में अनाज भर कर रखने के पहले इन बोरियों को 20-25 मिनट तक खौलते पानी में डाल देना चाहिए। इसके बाद धूप में अच्छी तरह सूखा देना चाहिए अथवा छिड़काव के लिए बने मालाथियान 50 फीसदी के घोल में बोरियों को डुबाकर फिर बाहर निकालकर सुखा लेना चाहिए। ठीक से सूख जाने के बाद ही उसमें अनाज भरना चाहिए।” अनाज से भरे बोरे को भण्डार गृह में रखने के लिए फर्श से बीस से पच्चीस सेमी की ऊंचाई पर बांस या लकड़ी के तख्ते का मंच तैयार करना चाहिए, जो दीवार से कम-से-कम 75 सेमी की दूरी पर हो। बोरियों के छल्लियों के बीच भी 75 सेमी खाली स्थान रखना फायदेमंद होता है। बादल छाये रहने, वर्षा होने या वातावरण में अधिक नमी रहने पर भण्डारण नही करना चाहिए। पछुवा हवा चलते रहना भण्डारण के लिए लाभप्रद है।