सरकार का मतलब LG तो ये जनता के साथ धोखा : अरविन्द केजरीवाल
नई दिल्ली | उपराज्यपाल की शक्तियां बढ़ाने के लिए लाए गए जीएनसीटीडी बिल को लेकर शुरू हुई आम आदमी पार्टी लड़ाई आज संसद से निकलकर सड़क तक पहुंच गई है। इस बिल के खिलाफ दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके कैबिनेट मंत्रियों के साथ ‘आप’ के हजारों कार्यकर्ता आज जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। ‘आप’ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली से बड़ी संख्या में लोग जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने के लिए एकत्रित हुए हैं। लोग बेहद परेशान और दुखी हैं, क्योंकि केंद्र की भाजपा सरकार दो दिन पहले एक कानून लेकर आई है उसमें लिखा है कि दिल्ली में अब दिल्ली सरकार का मतलब होगा LG । उन्होंने पूछा कि फिर मुख्यमंत्री और उस सरकार का क्या होगा जिसे जनता ने चुनाव में वोट देकर चुना है। अगर सरकार का मतलब LG है तो फिर ये जनता के साथ धोखा है।
दूसरा इस बिल में लिखा है कि अब सारी फाइलें एलजी के पास जाएंगी। केजरीवाल ने कहा कि जब हम 2015 में दिल्ली की सत्ता में आए थे तो उस समय सारी फाइलें LG के पास जाती थीं, तब 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि चुनी हुई सरकार के पास शक्ति होनी चाहिए। जन तंत्र में जनता ही मालिक होती है, जिसे जनता चुनती है, शक्ति भी उसी के पास होनी चाहिए। कोई भी फाइल LG के पास नहीं जाएगी, लेकिन ये संविधान, सुप्रीम कोर्ट को नहीं मानते। ये जनता के साथ धोखा है।
उन्होंने कहा कि जब 2015 में विधानसभा चुनाव हुए थे तो भाजपा को 3 सीट मिली थीं और 2020 में चुनाव हुए तो सिर्फ 8 सीटें मिलीं। निगम का उपचुनाव हुआ तो जीरो सीट मिली, इसका मतलब साफ है कि जनता भाजपा को नहीं चाहती, इसलिए ये कानून लाकर पिछले दरवाजे से सरकार चलाना चाहती है। ये पूरे देश में यही करते हैं चुनाव हार जाते हैं तो MLA खरीद लेते हैं। मगर दिल्ली में ये विधायक नहीं खरीद पा रहे हैं, इसलिए ये कानून लेकर आए हैं। ये कानून लाकर दिल्ली में शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी जैसे अच्छे कामों को रोकना चाहते हैं। दरअसल इन्हें ‘आप’ के अच्छे कामों से सूरत और कर्नाटक में तकलीफ हो रही है। यूपी और उत्तराखंड में भी लोग मुफ्त बिजली मांग रहे हैं। मैं उनसे कह रहा हूं कि भाजपा भी अच्छा काम करे लोग उन्हें चुनेंगे।
अगर कोई भी अच्छा काम कर रहा है तो मैं उसे नहीं रोकूंगा यहीं असली देशभक्ति है। आज दिल्ली की जनता, देश की जनता की तरफ से 90 फीसदी लोग कह रहे है केंद्र का ये फैसला गलत है। वो चाहते हैं शासन की शक्तियां केजरीवाल सरकार के पास ही रहें। मेरी केंद्र से अपील है ये कानून वापस ले। जनता के अधिकार को ना छीने। देश को आजाद हुए 75 साल हो गए हैं, आजादी का देश को ये कानून लाकर तोहफा देंगे। शहीदों ने सोचा था कि देश में जनतंत्र होगा तो जनता सरकार चुनेगी। मगर ये कानून इसके खिलाफ है। मेरी अपील है कि केंद्र ये मनमानी ना करे, इस कानून को वापस ले। मगर दिल्ली जनता घबराए नहीं। हम इसके लिए संघर्ष करेंगे। जनता के विकास के काम नहीं रुकने दूंगा। जनता की जो ताकत छीन ली, उससे वापस लेकर रहेंगे।
केजरीवाल ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं है जब मोदी सरकार ने दिल्ली की जनता के अधिकारों को कुचलने की कोशिश की है। इससे पहले भी मोदी सरकार LG के माध्यम से दिल्ली की जनता के हित से जुड़े फैसलों को रोकने के लिए अलोकतांत्रिक कदम उठाती रही है। वहीं, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि ये कानून केवल दिल्ली सरकार की ताकत को रोकने का कानून नहीं है बल्कि केजरीवाल मॉडल ऑफ गवर्नेंस को उत्तर प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तराखंड में रोकने का कानून भी है। ये कानून आम आदमी की बढ़ती ताकत को रोकने का कानून है।