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उत्तराखंड राष्ट्रीय

लखनऊ : छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ न करे विवि, छात्र नेताओं के साथ खुलकर आई सपा

  • June 12, 2017
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लखनऊ : छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ न करे विवि, छात्र नेताओं के साथ खुलकर आई सपा

लखनऊ  समाजवादी पार्टी ने लखनऊ यूनिवर्सिटी द्वारा छात्र नेताओं के निष्कासन और सरकार द्वारा जेल भेजे जाने के मामले में खुलकर मोर्चा खोल दिया है | सपा मामले पर नजर रख रही है और बड़े आन्दोलन की भूमिका तैयार कर रही है |  मुख्य प्रवक्ता  राजेंद्र चौधरी ने कहा कि भाजपा सरकार के दमनचक्र के आगे युवाशक्ति झुकने वाली नहीं हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ न करें। उनका निष्कासन तुरन्त वापस किया जाए। लोकतंत्र में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करना कोई अपराध नहीं। ये छात्र तो विश्वविद्यालय द्वारा की जा रही वित्तीय अनियमितताओं के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। उनके साथ बर्बर व्यवहार किया जाना अनैतिक एवं अलोकतांत्रिक है। जिला कारागार, लखनऊ में बंदी लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं से, जिन्हें 7 जून 2017 को मुख्यमंत्री जी के आगमन पर गिरफ्तार किया गया था, आज उनसे कारागार में समाजवादी पार्टी के पूर्व कारागार मंत्री  राजेंद्र चौधरी सुनील यादव, डा0 राजपाल कश्यप, एवं राजेश यादव राजू, (सभी विधायक) ने भेंट की।
जेल में बंदी छात्र-छात्राओं के नाम है अनिल यादव ‘मास्टर‘,  अपूर्वा वर्मा,  पूजा शुक्ला, वैभव मिश्र, नितिन राज, हिमांश यादव, सतवंत सिंह, हर्ष वशिष्ट, राकेश समाजवादी, माधुर्य सिंह ‘मधुर‘, महेंद्र सिंह यादव, अंकित सिंह बाबू, विनीत कुमार कुशवाहा तथा अशोक कुमार ‘प्रभात‘। समाजवादी नेताओं ने जेल में बंदी छात्र नेताओं द्वारा विश्वविद्यालय में हो रही अनियमितताओं के विरूद्ध लोकतांत्रिक आवाज उठाने के साहस की प्रशंसा की। विश्वविद्यालय के छात्रों की गिरफ्तारी तथा उन्हें जेल में बंदी बनाए जाने से जाहिर है कि भाजपा की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में कोई आस्था नहीं है। वह अपनी मनमानी और तानाशाही का प्रदर्शन कर डराना चाहती है। भाजपा लोकतंत्र का गला घोंटने पर उतारू है। विश्वविद्यालय प्रशासन की अपनी स्वायत्ता  यह भविष्य में उसके लिए भी आत्मघाती कदम साबित होगा।

राजेंद्र चैधरी ने कहा है कि भाजपा को युवाओं और छात्रों के भविष्य की कोई चिंता नहीं है। उनके भविष्य से खिलवाड़ करना उनका मूल स्वभाव है। नौजवानों को रोजगार देने का झूठा वादा करके सत्ता में आई भाजपा सरकार के समय सर्वाधिक नौकरियां खत्म हुई हैं और युवा बेकारों की संख्या में वृद्धि हुई हैं। शिक्षण संस्थाओं पर भी उनकी कुदृष्टि हैं वे अपने सांप्रदायिक एजेंडा को कालेजों-विश्वविद्यालयों में लागू करना चाहते हैं। शैक्षणिक पाठ्यक्रम बदले जा रहे है। उससे शिक्षण संस्थाओं की स्वायŸाता और स्वतंत्रता पर भी आघात होगा। भाजपा शिक्षा को प्रदूषित करने की साजिश कर रही है। अगर भाजपा का रवैया नहीं बदला तो छात्र नौजवान आंदोलन करने को बाध्य होंगे ही ।