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July 27, 2024
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महिला उत्पीड़न मामले में दिल्ली की सत्र अदालत ने आरोपी को सुनाई सजा

  • May 2, 2017
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महिला उत्पीड़न मामले में दिल्ली की सत्र अदालत ने आरोपी को सुनाई सजा

नई दिल्ली: दिल्ली की सत्र अदालत ने एक महिला के साथ छेड़खानी एवं उसे धमकी देने के मामले में दोषी की जेल की सज़ा को बरकरार रखते हुए कहा है कि पुलिस की तरफ से कार्रवाई में हुई देरी का असर मामले पर नहीं पड़ना चाहिए|

सत्र अदालत ने महिला के घर में जबरन दाखिल होने एवं उसका उत्पीड़न करने के मामले में मजिस्ट्रेटी अदालत द्वारा दोषी को दी गई  १५ माह की सज़ा को कायम रखते हुए यह बात कही
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वृंदा कुमारी ने कहा, “पीड़िता ने बताया था कि वह तुरंत ही पुलिस थाने गई थी लेकिन उनकी (पुलिस की) ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया… इस तरह की परिस्थिति में, औपचारिक रूप से प्राथमिकी दायर करने में चार दिन की देरी का शिकायतकर्ता के मामले पर कोई असर नहीं पड़ना चाहिए…”
न्यायाधीश ने उस अपील को भी ठुकरा दिया, जिसमें कहा गया था कि अपराधी नबील अहमद के खिलाफ अपराध साबित करने के लिए कोई स्वतंत्र गवाह नहीं है. उन्होंने कहा, “अदालत को यह कहने में कोई झिझक नहीं कि आरोपी के पास अपने बचाव में कोई पक्ष नहीं है… शिकायतकर्ता-पीड़िता की गवाही को हिलाया नहीं जा सका और वह अपनी बात पर कायम रही, स्वतंत्र गवाह का न होना मामले पर असर नहीं डाल सकता…”

अभियोजन पक्ष के अनुसार अहमद ने १५  जून, २००७  को महिला के घर में घुसकर उसका यौन उत्पीड़न किया था. आरोपी ने पीड़िता को धमकी भी दी थी कि उसके खिलाफ शिकायत करना उसके परिवार के लिए अच्छा नहीं होगा. मजिस्ट्रेटी अदालत ने उसे दोषी करार देते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा ३५४ , ४४८ तहत १५  माह की जेल और १०,००० रुपये जुर्माने की सज़ा सुनाई थी.