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मनोज अलीगढ़ी या प्रशांत सिंघल में से एक होगा अलीगढ़ का मेयर !

  • June 24, 2017
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मनोज अलीगढ़ी या प्रशांत सिंघल में से एक होगा अलीगढ़ का मेयर !
किरनपाल सिंह/अलीगढ | यूपी में निकाय चुनाव कुछ माह के लिए आगे बढ़ा दिये गये है लेकिन राजनैतिक दलों की चुनावी उठा पटक बदूस्तर जारी है। पूरे यूपी में फिलहाल नगर पंचायत, नगर पालिका और नगर निगमों के आरक्षण कोटा को लेकर चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवार बेचैन है। अलीगढ़ में भी नगर निगम के मेयर पद के लिए सत्ताधारी भाजपा सहित सपा, बसपा और कांगेस में दावेदारों की भारी भरकम फौज तैयार है।
 या यूं कहें कि महानगर के प्रथम नागरिक की कुर्सी पाने का सपना संजोये बैठे लोग चुनाव लड़ने को बेताब है। माना जा रहा था कि निकाय चुनाव जुलाई के प्रथम सप्ताह में होगा लेकिन यूपी सरकार ने तमाम अड़चनों का दावा करते हुए चुनावों को आगे खिसका दिया है। अलीगढ़ चूंकि वर्तमान में पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित है और भाजपा की मेयर शकुंतला भारती गत चुनाव में विजयी हुई थी।
इस बार अनुमान लगाया जा रहा है कि दो बार सामान्य, एक बार पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित रहने के बाद मेयर सीट इस बार एसएसी कोटा में आरक्षित होगी। यही कारण है कि भाजपा में दलित नेताओं ने टिकट के लिए जोड़ तोड़ शुरू कर दी है। राजकुमार सहयोगी और रामसखी कठेरिया को टिकट का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। वहीं भाजपा से जिले के चर्चित फोटो जर्नलिस्ट मनोज अलीगढ़ी के टिकट मांगने की भी चर्चायें जोरेा पर है जिसे मनोज अलीगढ़ी नकारते नहीं है। मनोज अलीगढ़ी को भाजपा के सभी गुटों का करीबी माना जाता है और शहर मे भी उनकी अच्छी पहचान है। राज पैलेस के करीबियों में मनोज का नाम शुमार किया जाता है, जिससे मनोज की टिकट की प्रबल संभावना बन जाती है। दूसरी ओर चर्चा यह भी कि मेयर की सीट सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित होगी और शहर के प्रमुख उद्योग प्रशांत सिंघल भाजपा से चुनाव लड़ सकते है जिसके पीछे की वजह विधानसभा चुनाव में भाजपा के शीर्ष नेताओं द्वारा प्रशांत सिंघल को दिया गया  आश्वासन बताया जा रहा है। इतना तो तय है कि हालात ऐसे ही रहे तो  मेयर चुनाव में भाजपा बाजी मार ले जायेगी और प्रशांत सिंघल या मनोज अलीगढ़ी में से कोई एक महानगर का मेयर होगा।
शहर में अफवाहों का बाजार यहां तक है कि अलीगढ़ मेयर सीट को सामान्य वर्ग में ही आारक्षित कराने के लिए एक बड़े उद्योगपति ने करोड़ों की रकम खर्च की है। अब अफवाह सच है या झूठ , यह तो वही जाने लेकिन अलीगढ़ का मेयर चुनाव बेहद रोचक होने वाला है। सपा यूपी में चारों खाने चित्त होने के बाद अलीगढ़ में निकाय चुनाव में ताल ठोकने की तैयारी कर रही है लेकिन चेहरे को लेकर अभी भी पेशोपश की स्थिति में है वहीं लोकसभा और विधानसभा चुनावों में अर्श से फर्श पर आ चुकी बसपा भी दलित वोटबैंक के सहारे खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए बेकरार है। दलित मुस्लिम गठजोड़ का हवाला देते हुए बसपा से मौहम्मद सगीर, मोहम्मद फुरकान के नाम मेयर के लिए चर्चाओं में है। कुल मिलाकर अलीगढ़ नगर निगम के चुनाव की रणभेदी बज चुकी है। मौहल्लों से लेकर बाजारों और सरकारी दफ्तरों तक आगामी होने वाले मेयर की चर्चायें जोरों पर है।