भारत से नफरत की दीवार गिराने को साथ आएंगे आरएसएस और दारुल-उलूम, मोहन भागवत से मिले मौलाना मदनी
सहारनपुर । देश मे बड़ रही नफरत की राजनीति और माहौल को बदलने के लिए आरएसएस और जमीयत उलेमा हिन्द साथ आने को तैयार हैं । जमीयत-उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने दिल्ली में शुक्रवार को झंडेवालान स्थित राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ कार्यालय पर सर संचालक मोहन भागवत से मुलाकात की। इन दोनों की मुलाकात काफी अहम है और उसके अलग ही मायने है। इससे पहले संघ नेता इंद्रेश भी दारुल उलूम देवबंद आ चुके हैं।
मौलाना अरशद मदनी ने शनिवार को देवबंद में अपने आवास पर पत्रकारों को इस मुलाकात की जानकारी दी और बताया कि यह मुलाकात देश में खड़ी हुई नफरत की दीवार को गिराने का काम करेगी, साथ ही सांप्रदायिक सौहार्द के नए आयाम भी स्थापित करेगी।
मौलाना अरशद मदनी ने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों पर हमने उनके सामने इस नजरिए को पेश किया कि अगर इस वक्त मिलकर भाईचारगी और प्यार मोहब्बत के लिए काम नहीं करेंगे तो आने वाले दिन अल्पसंख्यक और बहुसंख्यकों के लिए भी बहुत हानिकारक साबित होंगे। हमें लगता है कि कहीं मुल्क तबाह न हो जाए, इसलिए हमें मिलकर काम करना चाहिए और इसके लिए आप हमारे साथ मिलें और आगे बढ़ें। इसके लिए हमने पहल कर दी है। उनके सामने यह प्रस्ताव रखा गया कि जो आरएसएस और हमारे मदरसों के लोग हैं और विश्वविद्यालयों के लोग हैं, उन सबको जमा होना चाहिए। मदनी ने बताया कि भागवत ने उनकी बातों को गंभीरता से लिया है, बल्कि जब हम घर पहुंचे तो हमारे सामने उनका वो वीडियो भी आ गया, जिसमें उन्होंने अपने तमाम काम करने वालों को यह पैगाम दिया कि उनको प्यार मोहब्बत और हिंदू मुस्लिम एकजुटता पर काम करना चाहिए।
मौलाना मदनी ने कहा कि हमारी इस तरह की कोशिश बराबर जारी रहेगी और हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में हम आज के मुकाबले में ज्यादा मिल जुलकर मुल्क और कौम के मफाद के लिए काम करेंगे। मौलाना मदनी ने बताया कि इस पहल के अंदर आरएसएस की बुनियादी शख्सियत मोहन भागवत का आगे बढ़ना और यह वादा करना कि हम सब मिल जुलकर काम करेंगे। मुल्क को बचाने के लिए उन्होंने हमारे प्रस्ताव का दिल खोलकर स्वागत किया।