मायावती की कांग्रेस को दो टूक- ‘राजस्थान, MP में दलितों से मुकद्दमे वापिस नही हुए तो समर्थन वापिस’
लखनऊ | बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कांग्रेस को चेतावनी देते हुए कहा है कि मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार ने 2 अप्रैल 2018 को भारत बंद के दौरान झूठे मामलों में फसाए गए एससीएसटी वर्ग के लोगों का मुकदमा वापस न लिया तो समर्थन वापस ले लिया जाएगा। उन्होंने नए साल की बधाई देते हुए यह भी कहा कि जनता तय करे कि साल 2014 जैसी गलती नहीं करेगी। नया साल 2019 खास महत्व रखता है।
उन्होंने कहा कि अगले तीन महीनों में ही लोकसभा चुनाव का कार्यक्रम घोषित होने की संभावना है। अब यह देश व खासकर उत्तर प्रदेश की लगभग 25 करोड़ जनता पर निर्भर करता है कि वादा खिलाफी करने वाली केंद्र की भाजपा सरकार को कैसे कड़ी सजा वोटों से देती है। केंद्र व यूपी की भाजपा सरकार में जंगलराज से आम जनता ही नहीं कानून के रखवालों के भी जान के लाले पड़ने लगे हैं। बुलंदशहर और गाजीपुर इसका खास उदाहरण है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को अपना अड़ियल रवैया त्यागकर तीन तलाक विधेयक को पहले संयुक्त संसदीय प्रवर समित के पास विचार के लिए भेजे जाने की समूचे विपक्ष की मांग को स्वीकार कर लेना चाहिए।
मायावती ने कहा है कि तीन राज्यों में बनी कांग्रेस की सरकार को एससी, एसटी कानून 1989 और सरकारी कर्मियों के प्रमोशन में आरक्षण बहाली को लेकर 2 अप्रैल 2018 को हुए भारत बंद के दौरान फंसाए गए निर्दोशों के केस वापस लेने चाहिए। खासकर दलित और आदिवासी समाज का जनहित से जुड़ा ऐसा अहम मुद्दे पर कांग्रेस की सरकारों द्वारा उचित कार्रवाई न करने पर मध्यप्रदेश व राजस्थान में समर्थन पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है।
मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बनी कांग्रेस की नई सरकारों को भाजपा की तरह किसानों व बेरोजगारों से वादाखिलाफी कतई नहीं करनी चाहिए। नए साल में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को चेतावनी इसलिए भी देना जरूरी है, क्योंकि अब केवल घोषणाओं से काम चलने वाला नहीं है। लोगों का यही मानना है कि कागजी घोषणाओं के मामले में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही एक ही थाली के चट्टे-बट्टे रहे हैं। अब यह कांग्रेस के ऊपर है कि वह इस धारणा को बदल पाती है या नहीं।