नसीमुद्दीन सिद्दीकी को कभी माफ़ नही करेंगे मुस्लिम समाज के लोग : मायावती
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से निकाले गए नसीमुद्दीन सिद्दीकी के संगीन आरोपों पर मायावती ने अब पलटवार किया है. मायावती ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी बहुत बड़ा ब्लैकमेलर है और उसने गलत तरीकों से बहुत पैसे कमाए हैं.
मायावती ने कहा, ‘नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने पार्टी फंड के पैसे का दुरुपयोग किया. हमने उनसे चंदे के हिसाब मांगा था, जो उन्होंने नहीं दी. हमें कई लोगों की ओर से शिकायत मिली, वो पार्टी फंड के पैसे का गलत इस्तेमाल कर रहा है. ऐसे में मजबूरन हमें उन्हें पार्टी से निकालना पड़ा.’
‘मुझे पहली बार पता चला, सिद्दीकी की कोई बेटी भी थी’
मायावती ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी के उन आरोपों को भी नकार दिया, जिसमें सिद्दीकी ने दावा किया था कि बसपा प्रमुख ने उनकी बेटी की मौत पर उन्हें छुट्टी नहीं दी थी. मायावती ने कहा कि उन्हें पहली बार पता चला, सिद्दीकी की कोई बेटी भी थी. सतीश चंद्र मिश्रा की प्रशंसा करता हुए मायावती ने कहा कि उन्होंने पार्टी के लिए बहुत कुछ किया. वे बेहद सुलझे और शिक्षित इंसान हैं. सतीश जी ने बसपा के लिए कई मुकदमे लड़े लेकिन एक भी पैसा नहीं लिया. सच्चाई तो यह है कि सतीश चंद्र मिश्रा के पैरों के धूल के भी बराबर सिद्दीकी नहीं है.
मायावती ने कहा, ‘मेरे भाई आनंद के आने से भी सिद्दीकी नाखुश था. वह सतीश चंद्र मिश्रा को पसंद नहीं करता था. यहां तक कि वह खुद को नंबर-2 के नेता के तौर पर पेश करता था. बसपा के संस्थापक कांशीराम ने मुझे चेताया था कि इस आदमी (नसीमुद्दीन सिद्दीकी) को मत मुस्लिम चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट करो, वह हमें ही नुकसान पहुंचाएगा. आखिरकार उनकी बातें सच साबित हुई.’
मायावती ने कहा कि यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा को छोड़कर बाकी दलों का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा. ऐसे में बहुजन समाज पार्टी को भी कम सीटें मिली, लेकिन वोट फीसदी हमारा कम नहीं हुआ. यह साबित करता है कि जनता का हमपर यकीन बना हुआ है.
उन्होंने कहा कि यूपी चुनाव में हमारी हार की बड़ी वजह ईवीएम में गड़बड़ी है. हमने इसको लेकर अपनी शिकायतें भी दर्ज कराई. यहां तक कि धरना-प्रदर्शन भी किया.
‘ऑडियो क्लिप से कांट-छांट की’
सिद्दीकी के ऑडियो क्लिप पर मायावती ने कहा कि उसने ऑडियो क्लिप से छेड़छाड़ की है. उसने अपने हिस्से की बातों को डिलीट कर दिया और सिर्फ मेरी बातों को ही गलत तरीके से पेश किया. ऑडियो टेप में सिर्फ अपने मतलब की बातें सुनवाई.
बसपा प्रमुख ने कहा कि पार्टी को गरीब मजदूरों से पैसे मिले. उनके पैसे नजीमुद्दीन सिद्दीकी खा गए. यही वजह रही कि हमने उन्हें पार्टी से निकाल दिया. यहां तक कि पश्चिमी यूपी के कई लोगों ने मांग की थी कि सिद्दीकी के पार्टी से हटाया जाए. सच्चाई तो यह है कि दाल में काला था लेकिन यह बहुत बड़ा था. वह पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं का फोन टेप कर धमकाता था. उसने बीएसपी की मुहिम को नुकसान पहुंचाई. मायावती ने कहा, ‘मुस्लिम समाज को बसपा पर पूरा भरोसा है. मैंने कभी भी आपत्तिजनक बातें मुस्लिम समाज के खिलाफ नहीं कही. मैंने कई बार दूसरे मुस्लिम नेताओं को आगे बढ़ाने की बात कही लेकिन सिद्दीकी उन लोगों को आने नहीं दे रहे थे. मुस्लिम समाज के लोग सिद्दीकी को कभी माफ नहीं करेंगे.’
-एजेंसी