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शिक्षक दिवस : जापान के स्कूल में मिलता है ऐसा मिड डे मील, भूल जाएंगे 5 स्टार होटल का खाना !

  • September 4, 2018
  • 1 min read
शिक्षक दिवस : जापान के स्कूल में मिलता है ऐसा मिड डे मील, भूल जाएंगे 5 स्टार होटल का खाना !

दिल्ली| जापान में अधिकतर प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में कैफेटेरिया नहीं होते हैं। वहां स्कूल में ही जैसे बच्चों को खाना दिया जाता है।
भारत के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की निगरानी में मिड डे मील बनाया और परोसा जाता है। वहीं, जापान के हर स्कूल में न्यूट्रिशन स्पेशलिस्ट होते हैं जो बच्चों की डाइट और उस हिसाब से मेन्यू तैयार करते हैं। लंच के वक्त सारे बच्चे अपने क्लास में भी साथ बैठकर खाना खाते हैं। मगर खाना परोसने का काम छात्रों को ही सौंपा जाता है। यही नहीं, हफ्ते के एक दिन खुद शिक्षक और बच्चे साथ मिलकर खाना तैयार करते हैं। वे बकायदा टोपी और एप्रन पहनते हैं। खाना परोसते वक्त छात्रों को यह भी बताया जाता है कि उनकी थाली में परोसे गए हर व्यंजन में कौन और कितना पोषक तत्व होता है।
जापान के स्कूलों में बच्चे बाहर से खाने-पीने का कोई सामान नहीं लेकर आ सकते। छात्र बाहर से खाने-पीने की चीजें और दवाइयां स्कूल लेकर नहीं जा सकते हैं। इस तरह साथ बैठकर और एक दूसरे को खाना परोसने से बच्चों के आपसी रिश्ते बेहतर होते हैं। साथ ही बच्चों को स्वास्थ्यवर्धक खाना खाने के प्रति उत्साहित करने का भी कारगर तरीका है। जब बच्चे साथ खाना खाने बैठते हैं तो दूसरे को खाना खाता देख, उनमें भी खाने की ललक बढ़ती है। बच्चों को यह बात समझाने की कोशिश की जाती है कि सेहतमंद खाना खाने से भविष्य में सोचने और काम करने की क्षमता भी मजबूत होती है।
जापान के स्कूल में लंच में बच्चों को मुख्यतौर पर चावल और मीट दिया जाता है। साथ ही सूप और सब्जियां भी मिलती हैं। हालांकि, बोरियत ना हो, इसका ध्यान रखते हुए हर दिन अलग-अलग व्यंजन तैयार किए जाते हैं। जापान के स्कूलों में मिड डे मील की थाली में व्यंजनों की वैराइटी देख लगता है यह किसी स्कूल का खाना नहीं बल्कि किसी पार्टी का खाना है। भले ही छात्रों को दूध, सूप और सब्जियां परोसी जा रही हैं, मगर जिस डिश के रूप में यह परोसा जा रहा है, उसे देख किसी के भी मुंह में पानी आ जाए
भारत के स्कूलों में जहां लंच ब्रेक दो हिस्सों में बांटा जाता है, वहीं जापान के स्कूलों में यह पूरे एक क्ललास जितना लंबा होता है। भले ही क्लास में टीचर मौजूद हों, मगर बच्चों को मौज-मस्ती करने की छूट होती है। हालांकि, जितना खाना परोसा जाता है, उसे पूरा खाना होता है।