मोदी सरकार और किसान अब आमने-सामने, किया ऐलान- ‘लाठियां बरसीं तो भी नहीं हटेंगे पीछे’
नई दिल्ली | किसान मोदी सरकार के खिलाफ अब एकजुट हो गए हैं | शुक्रवार को सिंघु बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान लाठियों के साथ नजर आए। यहां पर बढ़ई लाठियां बनाने में जुटे हैं। किसानों ने लाठियों में किसान मजदूर एकता मंच का झंडा लगा रखा है। उनका कहना है कि यदि 26 जनवरी को उन्हें दिल्ली में ट्रैक्टर परेड करने से रोका गया और पुलिस ने यदि उनपर लाठियां बरसाईं तो वह भी पीछे नहीं हटेंगे।
सिघु बॉर्डर पर मुख्य रूप से किसानों ने दो मंच बना रखे हैं। पहला मंच किसान मजदूर एकता संगठन पंजाब का है जबकि दूसरा मंच संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली के नाम से यहां पर स्थापित किया गया है। शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा के मंच पर सामान्य चहल-पहल थी। सरकार के खिलाफ किसानों का मोर्चा यहां खुला हुआ था जबकि मजदूर किसान एकता संगठन के मंच पर आक्रोश तेज नजर आ रहा था। मंच के सामने पंजाब से आए सैकड़ों किसान हाथों में लाठियां थामे बैठे थे। हालांकि किसानों की लाठियों में झंडे लहरा रहे थे।
सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार को ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (एआईयूटीयूसी) के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भी पहुंचकर किसानों का साथ देने की बात कही। कहा अब हम निर्णायक लड़ाई के नजदीक हैं, 26 जनवरी को वह परेड में सैकड़ों ट्रैक्टरों के साथ शामिल होंगे। जबकि संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली ने कहा कि किसानों की लड़ाई लंबी है। अब उनका लक्ष्य केवल एमएसपी पर कानून बनवाना भर नहीं है। बल्कि अब वह नया पंजाब और नया भारत निर्माण कराके ही दिल्ली से वापस लौटेंगे।
गांव-गांव से लाठियां लेकर पहुंच रहे हैं किसान-
सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार को भारी भीड़ थी। किसानों के मुताबिक पंजाब के प्रत्येक गांव से लगभग 30 से 50 लोग लाठियों के साथ यहां पहुंच रहे हैं। तरनतारन जिले के गांव पड़ा सौर से लखविंदर सिंह, नरवैल सिंह, मनोहर सिंह और गुरविंदर सिंह शुक्रवार को सिंघु बॉर्डर पहुंचे थे। गुरविंदर सिंह ने बताया कि उनके गांव से 25 लोगों का जत्था आज पहुंचा है। रात में इतने ही लोग और आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि अब तो मोर्चा फतह करके ही यहां से वापस जाएंगे।