बेबाक, निष्पक्ष, निर्भीक
November 22, 2024
ब्रेकिंग न्यूज़ राजनीति विशेष

पिता माधवराव की तरह मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गए ज्योतिरादित्य सिंधिया

  • December 14, 2018
  • 1 min read
पिता माधवराव की तरह मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गए ज्योतिरादित्य सिंधिया

कहते हैं कि इतिहास अपने आप को दोहराता है । इसका उदाहरण मध्य प्रदेश में एक बार फिर देखने को मिला। लगभग 30 साल पहले कांग्रेस के नेता माधवराव सिंधिया प्रदेश के मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गये थे। वहीं, इस बार उनके पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ ऐसा हुआ है और वह प्रदेश के मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गये।
https://youtu.be/gd3chODkqFE

जनवरी 1989 में चुरहट लॉटरी कांड के चलते अर्जुन सिंह को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था, लेकिन राजीव गांधी की इच्छा के बावजूद सिंह के आलाकमान पर दबाव के चलते माधवराव सिंधिया तब मुख्यमंत्री नहीं बन सके थे। अर्जुन सिंह समर्थक हरवंश सिंह के भोपाल बंगले में सिंह के समर्थक विधायकों का डेरा, इसलिये डला रहा कि कांग्रेस के पर्यवेक्षकों को यह संदेश दिया जा सके कि विधायकों का बहुमत अर्जुन सिंह के साथ है।

माधवराव सिंधिया पूरे भरोसे में थे कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जा रहा है और वह दिल्ली से उड़ान से भोपाल आ गये और दो दिन तक भोपाल में ही रुके रहे। लेकिन अर्जुन सिंह के दबाव के कारण सिंधिया के स्थान पर मोतीलाल वोरा को मुख्यमंत्री बनाया गया। इस घटना के 29 साल बाद माधवराव के पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया भी प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गये और 72 वर्षीय कमलनाथ देश के मध्य में स्थित सूबे में 15 साल बाद कांग्रेस की सत्ता संभालने जा रहे हैं।

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक सिंधिया ने कांग्रेस आलाकमान को ध्यान दिलाया कि चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा का नारा ”माफ करो महाराज, अपने तो शिवराज उनको (सिंधिया) निशाने पर रखकर ही दिया गया था । सूत्र ने बताया कि छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र से नौ बार के सांसद नाथ को वरिष्ठता, अनुभव और अधिक विधायकों के समर्थन के आधार पर मुख्यमंत्री पद के लिये चुना गया।

ज्योतिरादित्य सिंधिया, आजादी के पहले देश के मध्य भाग ग्वालियर के शाही मराठा सिंधिया राजघराने के वंशज हैं और उनकी दादी दिवंगत राजमाता सिंधिया जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में थीं। माधवराव सिंधिया भी अपनी माता के बाद 1971 में जनसंघ में शामिल हो गये थे और वर्ष 1971 के लोकसभा चुनाव में इंदिरा लहर के बावजूद मां और पुत्र दोनों अपनी-अपनी सीटों पर विजयी हुए। वर्ष 1980 में माधवराव सिंधिया इंदिरा गांधी की कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। कांग्रेस ने आपातकाल के दौरान उनकी मां को जेल में बंद रखा था। माधवराव की बहनों वसुंधरा राजे और यशोधरा राजे अपनी मां के पदचिह्नों पर चलते हुए बाद में भाजपा में शामिल हुईं। कांग्रेस विधायक दल के नेता कमलनाथ मध्य प्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री के रूप में 17 दिसंबर को शपथ लेने जा रहे हैं।