मध्य प्रदेश में अंगद की तरह पैर जमाकर बैठे शिवराज सिंह चौहान को उखाड़ फैंकने के लिए कांग्रेस के साथ साथ बीजेपी के अनेक असंतुष्ट भी कोशिश करते रहे, मगर उन्हें अभी तक तो कामयाबी नहीं मिली। नर्मदा की तलहटी में बचपन से तैरने वाले शिवराज राजनीति के अनेक सैलाब को पार करते चले गए। दिग्विजय सिंह की सरकार को सत्ता से हटाने के साथ प्रदेश में भाजपा सरकार के 13 साल और लगातार शिवराज के 11 साल के शासन के विरोध में अब कांग्रेस कमलनाथ को बागडोर देकर अपने राजनीतिक संन्यास को खत्म करने का दांव खेलने जा रही है। उसमें उसे कामयाबी मिल सकेगी, इसके आसार कम ही दिखाई दे रहे हैं। यह तो तय है कि मध्य प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा के चुनाव लगातार तीसरी बार सत्ता संभाल रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में ही भारतीय जनता पार्टी लड़ेगी। इसके पीछे कई कारण हैं। पहला यह कि आज भाजपा के पास शिवराज का विकल्प नहीं है और शिवराज अपनी अनेक लोकलुभावन योजनाओं के कारण चर्चित हैं। पार्टी में अमित शाह, नरेंद्र मोदी के साथ-साथ आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से भी उनके सम्बन्ध मधुर हैं। जो उन्हें स्थायीत्व प्रदान किए है। इतना ही नहीं नरेन्द्र मोदी और डॉ. रमन सिंह की तरह वे एक ही राज्य के लगातार तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं और यदि वे चौथी बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनते है तो ये भी एक रिकार्ड होगा।