इलाहाबाद हाइकोर्ट का बड़ा आदेश, AMU हिंसा की जांच करेगा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
शशांक मिश्रा/ प्रयागराज | नागरिकता कानून के विरोध में बीते 15 दिसंबर को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में हुई हिंसा को लेकर अदालत ने बड़ा कदम उठाया है। #इलाहाबाद हाइकोर्ट ने मंगलवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग( #ह्रक्य ) को मामले की जांच सौंप दी है। अदालत ने एनएचआरसी को पांच हफ्तों में रिपोर्ट देने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी।
इस दौरान डेढ़ हजार छात्रों/युवकों की भीड़ पुलिस पर हमलावर हो गई थी। पथराव, टीयर गैस, ग्रेनेड व फायरिंग तक की गई थी। इसके बाद करीब एक हजार छात्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। यूनिवर्सिटी के छात्रों को होस्टल भी खाली करने को कहा गया था। कई दिनों तक शहर में चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात थी और इंटरनेट सेवाओं को भी स्थगित कर दिया गया था।
पांच जनवरी को #यूनिवर्सिटी दोबारा खुलने की घोषणा की गई थी, लेकिन इस बीच जेएनयू में नकाबपोशों के हमले के बाद एक बार फिर एएमयू का माहौल बिगड़ गया। विवार रात से ही एएमयू में छात्र एकजुट होने लगे, जिसके बाद प्रशासन ने तत्काल कदम उठाया। रात से ही परिसर में भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती कर दी गई है। हालांकि इसके बाद भी कुछ छात्रों ने देर रात मोमबत्ती जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। #एएमयू प्रवक्ता ने बताया कि विश्वविद्यालय की ओर से छुट्टियां बढ़ाने का फैसला लिया गया है। यूनिवर्सिटी आज नहीं खुलेगी। इसका साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल परिसर के अंदर की परिस्थितियां सामान्य हैं।