लालू प्रसाद यादव को नहीं मिली राहत, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका
नई दिल्ली। चारा घोटाला मामले में जेल की सजा काट रहे लालू यादव को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। बता दें, कोर्ट ने चारा घोटाले में रांची की जेल में बंद लालू यादव की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। अब लालू यादव को लोकसभा चुनाव के दौरान जेल में ही रहना होगा।दरअसल सीबीआई ने लालू की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि वह आखिर इलेक्शन के लिए फिट कैसे हो सकते हैं, जबकि वह अस्पताल में इलाज के नाम पर काफी समय तक भर्ती रहे हैं। मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। फिलहाल वह रांची के रिम्स में इलाज करा रहे हैं।
1980 के दशक के बाद बिहार के लोगों के लिए यह पहला चुनाव है जो बिना लालू प्रसाद यादव की मौजूदगी में लड़ा जा रहा है। राष्ट्रीय जनता दल की कमान उनके हाथ में है लेकिन दोनों बेटों में ही आपस में ही नहीं बन रही है। उनके बड़े बेटे तेज प्रताप ने राजद के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है और लालू राबड़ी मोर्चा बनाकर दो जगहों से उम्मीदवार उतारने की बात कर रहे हैं।बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब एनडीए में हैं। राजद के पास कोई ऐसा नेता नहीं है कि वह बीजेपी और जदयू को उस तरह से घेर सके जैसे लालू घेरते हैं। उनके बेटे तेजस्वी मेहनत कर रहे हैं लेकिन बिहार की जनता लालू के भाषणों को मिस कर रही है। लालू स्वास्थ्य के आधार पर बाहर आना चाहते हैं लेकिन सीबीआई का कहना है कि बाहर आकर वह राजनीति करेंगे। सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को हुई सुनवाई में यह तय हो गया है कि लालू जेल में ही रहेंगे।
आपको बता दें, मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई की। बता दें 2019 लोकसभा चुनाव में लालू यादव की भूमिका अभी तक सामने नहीं आई है। अगर उन्हें जमानत मिल जाती तो बिहार में चुनावी समीकरण बदलने के आसार थे।चारा घोटाला मामले में दोषी करार दिए गए राजद सुप्रीमो लालू यादव की जमानत अर्जी का सीबीआई ने विरोध करते हुए कहा था कि लालू प्रसाद ने सीएम रहते हुए अपने पद का काफी ज्यादा दुरुपयोग किया था। उन्होंने इस मौके पर जमानत की मांग इसलिए की है ताकि अपने पॉलिटिकल गतिविधियों को आगे बढ़ाएं। लालू यादव ने मेडिकल ग्राउंड पर जमानत की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट में लालू यादव की ओर से झारखंड हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी। हाई कोर्ट से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई गई थी।सीबीआई ने कहा था कि 2019 के लोकसभा चुनाव और मेडिकल ग्राउंड पर जमानत की अर्जी हाई कोर्ट खारिज कर चुकी है और अब मेडिकल ग्राउंड पर सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई गई है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा था कि लालू यादव की ओर से राजनीतिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने का प्रयास है, इसी कारण जमानत की मांग की गई है और इसकी इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। लालू प्रसाद को पूरे मामले में मुख्य सरगना बताया गया था और कहा गया था कि उन्हें चार मामलों में दोषी करार दिया गया है।