..जब सरेराह दिल्ली के अजमेरी गेट पर लुट गए व्यवस्था दर्पण के संपादक जियाउर्रहमान
यूँ तो देश की राजधानी नई दिल्ली में अक्सर किसी न किसी कार्य के सिलसिले से आना-जाना लगा रहता है लेकिन सोमवार 2 अप्रैल 2019 की देर शाम 11 बजे के करीब जैसे ही अलीगढ़ से चलकर शताब्दी ट्रेन से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उतरा तो एक घटना ने झझकोर कर रख दिया । स्टेशन से निकलते ही अजमेरी गेट चौक पर कैब बुक करने के लिए मोबाइल निकाला ही था कि इतने मव भी बाईक सवार हेलमेट लगाए युवकों ने झपट्टा मारा और लाइफ लाईन बन चुके मोबाइल को लूट लिया । शोर मचाकर पीछे भागा लेकिन वो कहाँ हाथ आने वाले थे । और इस तरह हम सरेराह देश की राजधानी में लूट लिए गए । हां, इतना जरूर रहा कि कुछ दूरी पर खड़ी दिल्ली पुलिस का व्यवहार दिल छू गया । हालांकि 100 नम्बर सेवा पर कई बार काल करने के बाद भी फ़ोन नही उठा ।
दरअसल, मैं मंगलवार को दिल्ली में कई काम थे तो अलीगढ़ से सोमवार को काम निपटाकर निकल आया । अजमेरी गेट चौक पर मोबाइल MI-Note 5 जिसमे 9454391714, 8077993810 थे, से कैब बुक कर रहा था कि दो युवक आये और झपट्टा मारकर फ़ोन छीन लिए, जबतक कुछ समझ पाता तबतक तो वो काफी दूर निकल गए । शोर मचाया, पीछा किया लेकिन कौन किसकी सुनता। हम हाथ मलते रह गए । दिल्ली पुलिस के 100 नम्बर पर कई बार कॉल किया लेकिन फ़ोन नही उठा, इधर उधर जानकारी की तो कुछ दूरी पर पुलिस की जिप्सी दिखी, पहुंचकर शिकायत की । यूपी पुलिस के व्यवहार से बिल्कुल अलग दिल्ली पुलिस के सिपाहियों ने गाड़ी में बिठाया और खुद कमला मार्किट थाना ले गए, तहरीर ली और फिर लुटेरों को ढूंढने का आश्वासन दिया । दिल्ली आए किसी काम से थे लेकिन लुटेरों ने मूड ऑफ कर दिया । आज तीस हजारी कोर्ट में काम निपटाया और फिर नया फोन खरीदकर, सिम निकलवाए और फिर अपडेट रहने का तामझाम डाउनलोड किया ।
खैर, हम तो सरेराह लुट ही गये लेकिन एक सबक जरूर मिल गया कि मोबाइल को रास्ते मे चलाना और उसपर मजबूत पकड़ न रखना आपके जीवन मे कुछ देर के लिए उथल पुथल मचा सकता है ।
-पीड़ित लेखक जियाउर्रहमान व्यवस्था दर्पण के संपादक हैं ।