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March 29, 2024
राजनीति राष्ट्रीय

विदाई: PM मोदी ने हामिद अंसारी से कहा- आप अब अपनी सोच के मुताबिक बात कहने के लिए स्वतंत्र हैं

  • August 11, 2017
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विदाई: PM मोदी ने हामिद अंसारी से कहा- आप अब अपनी सोच के मुताबिक बात कहने के लिए स्वतंत्र हैं

राज्यसभा में गुरुवार को उप-राष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति के रूप में हामिद अंसारी को विदाई दी गई। इस दौरान सभी दलों के नेताओं ने अपने – अपने विचार रखे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान बोलते हुए कहा, “हो सकता है आपके मन में भी बेचैनी की भावना हो, लेकिन अब आपको इसका सामना नहीं करना पड़ेगा। अब आप स्वतंत्र हैं और अपनी पंसद का काम कर सकते हैं, सोच सकते हैं और अपने विश्वास के मुताबिक बोल सकते हैं।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह बयान हामिद अंसारी की उस टिप्पणी पर आया जिसमें अंसारी ने कहा था कि देश के मुस्लिमों में बेचैनी का अहसास और असुरक्षा की भावना है।

उन्होंने कहा कि अंसारी की पृष्ठभूमि एक महत्वपूर्ण परिवार से रही है। अंसारी एक राजनयिक भी रहे हैं और मुझे प्रधानमंत्री बनने के बाद पता चला कि असल में एक राजनयिक की भूमिका क्या होती है। उनके शब्दों, उनके हाथ मिलाने के तरीके, हर चीज का एक अलग मतलब होता है। अंसारी के कार्यकाल का एक लंबा हिस्सा पश्चिम एशिया से जुड़ा रहा। मोदी ने कहा कि अंसारी के पास सभापति के रूप में 10 साल तक एक अलग तरह का जिम्मा रहा जिसे उन्होंने बखूबी निभाया। आज सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें मुक्ति का एक आनंद भी मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आपसे (अंसारी) जब भी मेरी मुलाकात होती थी, आपकी अंतर्दृष्टि का मुझे अनुभव होता था।’’ उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति के रूप में, राज्यसभा के सभापति के रूप में आपकी सेवाओं के लिए राष्ट्र की ओर से, दोनों सदनों की ओर से आपका (अंसारी) बहुत-बहुत आभार, आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

 

हामिद अंसारी ने गुरुवार को अपने विदाई भाषण में कहा कि ‘अगर विपक्ष को निष्पक्ष तरीके से, स्वतंत्रता के साथ और बेबाकी से अपनी बात रखने की इजाजत नहीं दी गई तो लोकतंत्र, निरंकुश शासन में बदल जाएगा’। उप राष्ट्रपति के तौर पर आखिरी दिन अंसारी ने राज्यसभा में दिए अपने विदाई भाषण में कहा कि “एक लोकतंत्र की विशिष्टता इससे पता चलती है कि वह अपने अल्पमत को कितनी सुरक्षा मुहैया कराता है। अगर विपक्षी धड़ों को निष्पक्षता से, स्वतंत्रतापूर्वक और बेबाकी से सरकार की नीतियों की आलोचना करने की इजाजत नहीं दी जाती है तो कोई भी लोकतंत्र, निरंकुश शासन में बदल जाएगा।”