PM मोदी को अन्निपथ योजना को वापस लेना पड़ेगा : राहुल गाँधी
नई दिल्ली | राहुल गाँधी लगातार मोदी सरकार के खिलाफ बोल रहे हैं | जनहित के मुद्दों को बेबाकी से रख रहे हैं | नेशनल हेराल्ड केस में ईडी की जांच सामना कर रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को कहा, ईडी और ऐसी एजेंसियां मुझ पर दबाव नहीं बना सकतीं। उन्होंने कहा, मुझसे पूछताछ करने वाले अधिकारी भी समझ गए होंगे कि कांग्रेस नेता को डराकर धमकाया नहीं जा सकता है। कांग्रेस नेता ने कहा, भाजपा देश की सेना को कमजोर कर रही है।
दरअसल, ईडी की पूछताछ और अग्निपथ योजना को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच कांग्रेस ने आज पार्टी मुख्यालय पर सभी सांसदों व विधायकों की बैठक बुलाई। इस बैठक को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल ने प्रवर्तन निदेशालय की पांच दिनों तक चली पूछताछ के दौरान एकजुटता प्रकट करने के लिए कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं का आभार जताया। उन्होंने कहा ईडी की उनसे पूछताछ एक ‘छोटा मामला’ है क्योंकि आज बेरोजगारी और ‘अग्निपथ’ योजना सबसे जरूरी मुद्दे हैं। उन्होंने कहा, ‘मेरा मामला छोटा सा मामला है। सच कहूं तो यह जरूरी भी नहीं है। आज सबसे जरूरी बात रोजगार की है। लघु एवं मध्यम उद्योग देश की रीढ़ की हड्डी हैं। नरेंद्र मोदी जी ने इस रीढ़ की हड्डी को तोड़ दिया है। यह बात मैं महीनों से कह रहा हूं।
राहुल गांधी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, वे खुद को राष्ट्रवादी कहते हैं और सेना को कमजोर करने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा पीएम नरेंद्र मोदी को अग्निपथ योजना को वापस लेना ही होगा। भारत के युवा जानते हैं कि राष्ट्र को मजबूत करने के लिए सच्ची देशभक्ति की आवश्यकता होती है। हम सुनिश्चित करेंगे कि यह योजना निरस्त हो।
ये देश युवाओं को रोजगार नहीं दे पाएगा-
राहुल गांधी ने कहा, हमारे युवा आर्मी, एयरफोर्स, नेवी में भर्ती होने के लिए रोज दौड़ते हैं, उन्हें मैं कह रहा हूं कि हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री ने इस देश की रीढ़ की हड्डी को तोड़ दिया है, ये देश अपने युवाओं को अब रोज़गार नहीं दे पाएगा चाहे सरकार कुछ भी कर ले।
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, किसानों के बारे में हमने कहा था कि उन्हें ये बिल(कृषि क़ानून) वापस लेना पड़ेगा। अब कांग्रेस पार्टी कह रही है कि पीएम मोदी को ये अन्निपथ योजना को वापस लेना पड़ेगा। हिन्दुस्तान का हर युवा हमारे साथ खड़ा है। राहुल ने कहा, भाजपा ‘एक रैंक, एक पेंशन’ की बात करती थी, लेकिन अब ‘न रैंक और न पेंशन’ है। युवा कड़ी मेहनत करेंगे और अपने घरों को वापस जाएंगे। रिटायर होने के बाद उन्हें कोई रोजगार नहीं मिलेगा।