राजस्थान मेगा रैली में राहुल गांधी ने कहा, ‘मैं हिंदुत्ववादी नहीं, मैं हिंदू हूं’
जयपुर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी राजस्थान के जयपुर में हो रही कांग्रेस महारैली में भाजपा और केंद्र सरकार पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि भारत हिंदुओं का देश है, हिंदुत्ववादियों का नहीं है। उन्होंने कहा कि 2014 से देश में हिंदुत्ववादियों का राज है, अब हिंदुओं का राज वापस लाना है। उन्होंने हिंदू और हिंदुत्ववादियों में फर्क बताते हुए कहा कि महात्मा गांधी हिंदू थे और नाथराम गोडसे हिंदुत्ववादी। इन्हें सत्ता चाहिए, ना कि सच। और हिंदू हमेशा सच के साथ रहता है और कभी डरता नहीं है।
#WATCH | “Who is Hindu? The one who embraces everybody, fears nobody, and respects every religion,” says Congress leader Rahul Gandhi at the party’s rally against inflation in Jaipur, Rajasthan pic.twitter.com/OnKjsQOoRJ
— ANI (@ANI) December 12, 2021
‘महंगाई हटाओ रैली’ को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मैं हिंदुत्ववादी नहीं, मैं हिंदू हूं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उनके तीन चार मित्रों ने सात साल में देश को बर्बाद कर दिया। देश में महंगाई है, दर्द है तो यह काम हिंदुत्ववादियों ने किया है। हिंदुत्ववादियों को किसी भी हालत में सत्ता चाहिए। हिंदू और हिंदुत्ववाद को दो अलग अलग शब्द बताते हुए राहुल ने कहा कि जिस तरह से दो जीवों की एक आत्मा नहीं हो सकती, वैसे ही दो शब्दों का एक मतलब नहीं हो सकता क्योंकि हर शब्द का अलग मतलब होता है। उन्होंने कहा कि हिंदू वह है जो किसी से नहीं डरता जो सबको गले लगता है।
राहुल ने कहा कि रामायण हो या गीता, मुझे बताएं कि कहा ये लिखा है कि गरीब को मारा जाना चाहिए। भगवान कृष्ण ने भी अर्जुन को सत्ता के लिए अपने भाईयों का वध करने को नहीं कहा था बल्कि सत्य के लिए युद्ध करने के लिए कहा था। गीता में यही लिखा है कि सत्य के लिए लड़ो चाहे तुम्हारी जान क्यों न चली जाए।
उन्होंने कहा कि मोदी जी और उनके तीन-चार उद्योगपति दोस्तों ने पिछले सात सालों में देश को बर्बाद कर दिया है। देश के 33 प्रतिशत पैसे पर मात्र एक प्रतिशत आबादी का कब्जा है और सिर्फ 6 प्रतिशत पैसे पर देश की आधी आबादी गुजर करती है। देश के 90 प्रतिशत कॉरपोरेट लाभ पर सिर्फ 20 कंपनियों का कब्जा है।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि देश में बेरोजगारी 60 साल के उच्च स्तर पर है। जीएसटी, विमुद्रीकरण और छोटे एवं लघु उद्योगों को सरकारी मदद के अभाव में ये स्थिति आई है। सिर्फ दो या तीन उद्योगपति रोजगार का सृजन नहीं कर सकते। रोजगार का सृजन लाखों छोटे उद्योगों के जरिये होता है। वर्तमान सरकार के समय गैर संगठित क्षेत्र सिकुड़ गया है।