नई दिल्ली। अब कोई गठबंधन नहीं बल्कि कांग्रेस अकेले ही यूपी के निकाय चुनाव में अपनी किस्मत आजमाएगी यह बात कांग्रेस प्रदेश प्रमुख राजबब्बर ने कही. विधानसभा चुनाव में करारी हार का असर राजनीतिक पटल पर अब दिखने लगा है. चुनाव पूर्व राजनीतिक लाभ लेने के लिए बने गठबंधन हार के बाद दरकने लगे हैं. यूपी में पहली बार समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सत्ता में वापसी का फॉर्मूला बनाया था लेकिन यह फॉर्मूला फेल हो गया और लोगों ने बीजेपी को भरपूर समर्थन दिया जिसके बाद बीजेपी की सत्ता में प्रचंड वापसी हुई.
इस हार के बाद जहां समाजवादी पार्टी के भीतर कांग्रेस से गठबंधन को हार की वजह माना गया वहीं, कांग्रेस में भी इस हार की वजह को समाजवादी पार्टी से गठबंधन को माना गया. लेकिन अभी तक गठबंधन तोड़ने पर किसी भी ओर से कोई बयान नहीं आया है. चुनाव बाद अखिलेश यादव ने साफ कहा था कि गठबंधन बरकरार रहेगा.अब खबरें आ रही हैं कि राज्य में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का गठबंधन टूट गया है, इन खबरों का हवाला यूपी कांग्रेस प्रमुख राज बब्बर को बताया गया जबकि यूपी कांग्रेस प्रमुख राज बब्बर इस बारे में कहा कि अब यूपी में स्थानीय निकायों के चुनाव हैं. उनकी पार्टी ने तय किया है कि राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ा जाए.राज बब्बर ने कहा कि उन्होंने कोई गठबंधन समाप्त नहीं किया है. बब्बर ने साफ किया कि निकाय चुनाव वर्कर के व्यक्तिगत संबंधों के आधार पर लड़े जाते हैं. पार्टी वर्कर जमीन पर लोगों से सीधे संपर्क में रहता है. वर्कर के जरिए कांग्रेस की नीतियों की पहचान बनती है.
पार्टी का वर्कर, लोगों से उसका कनेक्ट ही कांग्रेस पार्टी का कनेक्ट होता है. कांग्रेस पार्टी के यूपी प्रमुख ने कहा कि स्थानीय निकाय चुनाव बिलकुल व्यक्तिगत चुनाव होता है. सिंबल के साथ व्यक्ति की पहचान होती है. पार्टी की पहचान होती है. हम इसे बढ़ाना चाहते हैं और इसी से संगठन मजबूत होता है. पार्टी मजबूत होती.राज बब्बर ने कहा कि इस चुनाव में गठबंधन नहीं तोड़ा है. इस चुनाव में हम जनता से कार्यकर्ता का रिश्ता मजबूत करना चाहते हैं.